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इज़रायली हमले की आशंका को लेकर इराक़ अलर्ट

इज़रायली हमले की आशंका को लेकर इराक़ अलर्ट

इराक़ इन दिनों इज़रायली हमले की गंभीर आशंका के कारण हाई अलर्ट पर है। इराक़ी संसद की सुरक्षा और रक्षा समिति के सूत्रों ने पुष्टि की है कि, प्रधानमंत्री और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर मुहम्मद शियाअ अल-सुदानी को खुफिया एजेंसियों की ओर से एक विस्तृत सुरक्षा रिपोर्ट सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी गई है कि इज़रायल की आक्रामक नीतियों और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उकसाने वाली कार्रवाइयों का अगला निशाना इराक़ हो सकता है।

फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इज़रायली रणनीति का मकसद तेल अवीव के लिए नया मोर्चा खोलना है, और हालिया क्षेत्रीय परिस्थितियों में इराक़ को सबसे उपयुक्त विकल्प माना जा रहा है। अल-मनार टीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि, इराक़ी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि इज़रायल, इराक़ को ईरान की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र समझता है और बग़दाद को हिज़्बुल्लाह जैसी प्रतिरोधी ताक़तों के लिए रणनीतिक गहराई प्रदान करने वाला क्षेत्र मानता है। इसी आधार पर भविष्य के किसी भी संघर्ष में इराक़ को निशाना बनाने की योजना बनाई जा सकती है।

इराक़ी सूत्रों का कहना है कि यह केवल इज़रायल की आक्रामकता और उसकी विस्तारवादी मानसिकता का हिस्सा है। पिछले वर्षों में फ़िलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और हाल ही में क़तर पर हुए हमलों से यह साफ हो गया है कि इज़रायल क्षेत्र की स्थिरता को नष्ट करने पर तुला हुआ है। उसका मक़सद केवल सैन्य दबदबा कायम करना नहीं, बल्कि प्रतिरोध की हर आवाज़ को कुचलना है।

इसी बीच इराक़ सरकार ने घोषणा की है कि, उसने देश की रक्षा क्षमता को मज़बूत करने के लिए एक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम स्थापित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य इज़रायल जैसे बाहरी ख़तरों से इराक़ की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इराक़ी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस बात पर गहरी नाराज़गी है कि इज़रायल, अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और देशों की संप्रभुता की धज्जियाँ उड़ाकर अपनी मनमानी कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने समय रहते इज़रायली आक्रामकता को रोकने के लिए ठोस कदम न उठाए, तो पूरा पश्चिम एशिया अस्थिरता और युद्ध की चपेट में आ सकता है।

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