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इराकी सेना ने अमेरिकी विरोधी हमलों में अपनी भूमिका होने से इंकार किया

बग़दाद : न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को ईरान संगठित इराकी सेना समूह ने अमेरिका में हाल ही में हुए रॉकेट हमलों मे किसी भी तरह की भूमिका होने से इंकार किया लेकिन पिछले महीने सऊदी में हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली।

गौरतलब है कि 15 फरवरी को कुर्दिश द्वारा संचालित एरबिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रॉकेट हमला किया गया था जिसमे अमेरिका के साथ काम करने वाले एक ठेकेदार की मौत हो गई थी, इसके अलावा सोमवार को बगदाद के ग्रीन ज़ोन को भी इन हमलों का निशाना बनाया गया जिसमें अमेरिकी दूतावास और अन्य राजनयिक मिशन शामिल थे।अपको बता दें कि ईरान के नजदीकी इराकी समूह कतीब हिजबुल्लाह ने इस घटना पर टिप्पणी की और इसमें अपनी भूमिका होने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि वॉशिंगटन अभी भी ये निर्धारित करने में लगा हुआ है कि इसमें किसका हाथ है,इससे ये साफ है कि ईरान और उसके सहयोगी अमेरिका की सख्त कार्यवाही से बचना चाहते हैं।

कतीब हिज़्बुल्लाह के प्रवक्ता मोहम्मद मोही ने रायटर्स को बताया कि हमने एरबिल और ग्रीन जोन को टारगेट नहीं किया ना ही हम ये पता है कि ये हमला किस समूह के द्वारा किया गया।

पिछले दस दिनों के दौरान इराक़ में अमेरिकी साइटों के खिलाफ हुए हमलों मे वृद्धि हुई है वो भी तब जबकि वाशिंगटन और तेहरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा छोड़े गए परमाणु समझौते पर वापस लौटने की कोशिश कर रहे हैं।

जनवरी 2020 में अमेरिका द्वारा ईरानी सेना के मास्टरमाइंड क़ासिम सुलेमानी और कतीब हिज़बुल्लाह के नेता अबू महदी अल- मुहांदिस की हत्या किए जाने के बाद से इराक और इसके व्यापक क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है।

वाशिंगटन के खाड़ी सहयोगी रियाद को पिछले एक साल में तेजी से लक्ष्य बनाया गया है जिसमें पिछले कुछ हफ्तों में ही दो हवाई हमले शामिल हैं।

हमले का दावा करने वाले समूह अलवियत अलवाद अलहक के साथ कतीब हिजबुल्लाह के किसी तरह के सम्बन्ध होने के बारे में मोही ने कोई टिप्पणी नहीं की उन्होने बस इतना कहा कि सऊदी मे पीड़ित क्षेत्र के लोगों को जवाबी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होना चाहिए है।

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