परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के बाद भी ईरान के कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नही पड़ा एक इस्राईली अधिकारी ने मंगलवार की रात स्वीकार किया कि ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रगति को रोकने में कामयाब नहीं हो सका है।
परमाणु कार्यक्रम पर बात करते हुए इस्राईली अधिकारी ने कहा कि जैसा कि अपेक्षित था, पिछले साल फ़ख़रीज़ादेह की हत्या ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रगति को रोकने में असफल रहा है। मौजूदा स्थिति सबसे उन्नत स्थिति है जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को और आगे ले जा रही है और ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम में सफल नजर आ रहा है।
ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की 27 नवंबर को हत्या कर दी गई थी। उन्हें ईरान के प्रतिष्ठित रिवॉल्यूशनरी गार्ड में ब्रिगेडियर जनरल का ओहदा हासिल था और वह ईरान के ‘ग्रीन साल्ट प्रोग्राम’ के तहत रक्षा अनुसंधान और अविष्कार संगठन के प्रमुख भी थे। ईरान की धार्मिक राजधानी कुम में पैदा हुए मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह ने परमाणु रेडिएशन और किरणों पर डॉक्टरेट किया था। माना जाता है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम के तहत संवर्धन के कार्य से जुड़े थे। उनकी हत्या उस वक्त हुई थी जब वह राजधानी तेहरान के बाहरी इलाके के एक गांव में बुलेट प्रूफ कार से अपनी पत्नी के साथ कहीं जा रहे थे।
ईरान संसद के एक वरिष्ठ सदस्य और विदेश नीति आयोग के सदस्य अबुलफज़्ल अमौई ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या के एक साल बाद कहा कि नवंबर 2020 से पहले भी हमारे लोग फ़ख़रीज़ादेह के बहुत क़रीब रहे थे। साथ ही पश्चिमी देशों के अधिकांश सुरक्षा जानकार भी फ़ख़रीज़ादेह का परिचय ‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य कर्ता-धर्ता’ के तौर पर कराते थे। ईरान ने अब अपनी अधिकांश परमाणु शक्ति हासिल कर ली है, और यह ईरानी लोगों पर जारी प्रतिबंधों और दबाव की प्रतिक्रिया है।
वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह के बेटे मेहदी फ़ख़रीज़ादेह ने भी तेहरान में शुक्रवार के उपदेश से पहले शहीद फ़ख़रीज़ादेह के वैज्ञानिक संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि दुश्मन शहीद फ़ख़रीज़ादेह को बेहतर जानते थे। वह एक जिहादी थे जिसने अपने महान वैज्ञानिक प्रयासों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और अल्लाह ने उन्हें शहादत के उच्च पद से पुरस्कृत किया।
मेहदी फ़ख़रीज़ादेह ने ईरान की वैज्ञानिक प्रगति को रोकने के लिए दुश्मन के प्रयासों को देश का उत्पीड़न बताया और कहा कि शहीद फ़ख़रीज़ादेह की शहादत ने वैज्ञानिकों और ईरानी युवाओं का हौसला तोड़ नहीं पाई है बल्कि उन्हें इसने और मज़बूत बनाया है कि वो देश की प्रगति का राह पर आगे बढ़ें।