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ईरान की बढ़ती रक्षा क्षमता, कुछ घातक हथियारों को जानिए

ईरान की बढ़ती रक्षा क्षमता, कुछ घातक हथियारों को जानिए हौसियों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से 14 सितंबर, 2019 को सुबह 4:00 बजे दुनिया के सबसे बड़े अरामको तेल क्षेत्रों में से एक पर हमला किया।

ईरानी निर्मित इस हमले में सबसे प्रमुख हथियार विस्फोटक ले जाने वाले ड्रोन थे, जिन्होंने ड्रोन की गुणवत्ता और हमले के तरीके से  इस्राईल और पश्चिमी खुफिया समुदाय को चकित कर दिया।

यूनिट 8200 द्वारा डेटा संग्रह के महत्वपूर्ण प्रयास और पिछले एक साल में सशस्त्र बल अनुसंधान विभाग के गुणात्मक विश्लेषण से ईरान की स्पष्ट रणनीति का पता चला है।

ईरानी ड्रोन की नेविगेशन क्षमताओं और दसियों किलोग्राम विस्फोटक की वहन क्षमता को देखते हुए, जॉर्जियाई सेना उनकी तुलना सटीक-निर्देशित मिसाइलों से करती है।

सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको की दो तेल रिफाइनरियों पर हुए हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि ईरान ने दुनिया भर में तेल सप्लाई रोकने के लिए ये ड्रोन हमले करवाए हैं।

ईरान समर्थित हौसियों ने पहले भी अरामको को निशाना बनाया है। इसके पीछे का मकसद सऊदी अरब की के तेल ढांचे को चोट पहुंचाना है। सऊदी अरामको के इस प्लांट में अस्थायी रूप से गैस, डीजल और अन्य पेट्रोकेमिकल पदार्थों को वितरित करने से पहले रखा जाता है। ये प्लांट जेद्दाह के किंग अब्दुलअजीज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दक्षिणपश्चिम में स्थित है। इस एयरपोर्ट पर ही हज के लिए मक्का जाने वाले श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में ये एयरपोर्ट खासा महत्वपूर्ण है। वहीं, बिना किसी कारण के यहां लैंड होने वाले विमानों को डायवर्ट कर दिया गया था।

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