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ईरान के राजदूत ने सीरिया में आतंकवादी हमलों का कारण बताया

ईरान के राजदूत ने सीरिया में आतंकवादी हमलों का कारण बताया

सीरिया में ईरान के राजदूत, हुसैन अकबरी ने आतंकवादी हमलों के बारे में विस्तार से बयान दिया। उनका कहना है कि ये हमले सीरिया द्वारा प्रतिरोधी ताकतों (जैसे हिज़्बुल्लाह) और ईरान के साथ खड़ा होने के कारण हो रहे हैं, और इनका उद्देश्य सीरिया से प्रतिशोध लेना है। अकबरी ने स्पष्ट किया कि इन हमलों के पीछे एक रणनीतिक उद्देश्य, सीरिया की भूमिका को कमजोर करना और उसकी सशस्त्र ताकत को ख़त्म करना है, ताकि प्रतिरोधी ताकतों को क्षेत्रीय संघर्षों में असरदार बने रहने से रोका जा सके।

सीरिया में आतंकवादी हमलों का उद्देश्य
अकबरी ने सीरिया में हो रहे आतंकवादी हमलों को सीधे सीरिया के प्रतिरोधी ख़ैमे के साथ संबंधों से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि सीरिया ने हमेशा इज़रायल के खिलाफ लेबनान में हिज़्बुल्लाह और अन्य प्रतिरोधी समूहों का समर्थन किया है, जो इज़रायल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। अब जब सीरिया खुद आतंकवादी हमलों का शिकार है, तो इसका कारण यह है कि इसे दुसरे देशों द्वारा प्रतिरोधी संघर्षों में अपनी भूमिका निभाने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि इन आतंकवादी समूहों के पास अत्याधुनिक हथियार और उपकरण हैं, जो यह साबित करते हैं कि इन समूहों को पश्चिमी देशों, खासकर यूरोपीय देशों और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से समर्थन मिल रहा है। इस प्रकार के सशस्त्र हमलों के लिए यह समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समूह अन्यथा इन हथियारों का उपयोग करने में सक्षम नहीं होते।

इज़रायली नुकसान और सीरिया के समर्थन से संबंध
अकबरी ने कहा कि सीरिया में हो रहे आतंकवादी हमलों का एक अन्य कारण वह नुकसान भी हो सकता है, जो इरायल को हाल ही में लेबनान में हुआ है। जब से इज़रायल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी, उस समय से लेकर अब तक, इन समूहों ने इज़रायल के खिलाफ कई महत्वपूर्ण हमले किए हैं। अकबरी के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य केवल सीरिया की छवि को नष्ट करना नहीं है, बल्कि इसके साथ-साथ सीरिया द्वारा प्रतिरोधी शक्तियों को समर्थन देने का बदला लेना भी है।

अमेरिकी दबाव
अकबरी ने यह भी बताया कि अमेरिका ने सीरिया के दक्षिणी प्रांतों में अपनी सैन्य और सुरक्षा रणनीति को तेज किया है। अमेरिका का उद्देश्य सीरिया की सरकार पर दबाव डालकर उसे कमजोर करना और यहां तक कि उसके क्षेत्रीय प्रभाव को सीमित करना है। उनका मानना था कि ये हमले सीरिया में अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा बढ़ती सुरक्षा स्थिति का परिणाम हैं, जो कि सीरियाई सरकार पर निरंतर दबाव बनाने के लिए हैं।

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