ईरान-इज़रायल वॉर के बीच ईरानी सुप्रीम लीडर ख़ामेनेई का जनता को संदेश
ईरान-इज़रायल वॉर के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर, आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने अपने राष्ट्र की जनता को टेलीविज़न पर महत्त्वपूर्ण संदेश दिया है।उनका यह संदेश इज़रायली शासन द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों पर हमलों और कई कमांडरों, वैज्ञानिकों व निर्दोष नागरिकों की शहादत के बाद आया है।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई का संदेश
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
मैं अपने प्रिय और महान देश की जनता को सलाम पेश करता हूँ। हमारे जाँबाज़ कमांडरों और अज़ीम वैज्ञानिकों की शहादत, जो यक़ीनन हम सबके लिए बेहद दर्दनाक है, और कुछ निर्दोष नागरिकों की शहादत पर, मैं पूरे ईरानी राष्ट्र और शहीदों के परिवारों को मुबारकबाद और संवेदनाएँ पेश करता हूँ। इंशाअल्लाह, ख़ुदाए मुतआल उनकी रूहों को अपने विशेष करम से नवाज़े और उनके दर्जे बुलंद करे।
अब वह बात जिसे मैं अपनी प्यारी क़ौम से साझा करना चाहता हूँ: ज़ायोनी शासन ने एक बहुत बड़ी ग़लती की है, एक घिनौना अपराध किया है, और ख़ुदा की मदद से इसके नतीजे उसके लिए बेहद विनाशकारी होंगे। ईरानी क़ौम अपने अज़ीम शहीदों के ख़ून को हरगिज़ बर्बाद नहीं जाने देगी। वह अपने वतन की फेज़ाओं पर किए गए इस आक्रमण को हरगिज़ नहीं भूलेगी। हमारे सशस्त्र बल पूरी तरह से तैयार हैं, और राष्ट्र के तमाम ज़िम्मेदार व आम अवाम इन बलों के पीछे मज़बूती से खड़े हैं।
आज देश के सभी राजनीतिक वर्गों और समाज के विभिन्न तबक़ों की तरफ़ से एकजुटता और मज़बूत रुख़ का इज़हार किया गया है। हर कोई इस बात को महसूस कर रहा है कि इस नीच, आतंकवादी और दहशतनाक इज़रायली पहचान के मुक़ाबले में कड़ी प्रतिक्रिया देना ज़रूरी है। और इंशाअल्लाह, हम ऐसा करेंगे, सख़्ती से करेंगे और उनके साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
उनकी ज़िंदगी उनके लिए एक कड़वा अनुभव साबित होगी, इसमें कोई शक नहीं। उन्हें यह वहम नहीं होना चाहिए कि वो हमला करके बच निकलेंगे। हरगिज़ नहीं! उन्होंने जंग शुरू की है और वह इसकी पूरी क़ीमत चुकाएँगे। हमारी सशस्त्र सेनाएँ इस दुष्ट दुश्मन को भारी चोट पहुँचाएँगी। हमारी पूरी क़ौम हमारे साथ है, अपने जाँबाज़ों के साथ है, और ईश्वर की मदद से, इस्लामी गणराज्य इज़रायली शासन पर विजय प्राप्त करेगा।
जो समझदार लोग ईरान को जानते हैं, वे कभी भी, धमकी की भाषा में बात नहीं करते
सुप्रीम लीडर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी भरी और अपमानजनक बातों की ओर इशारा करते हुए स्पष्ट किया: जो समझदार लोग ईरान, उसकी क़ौम और उसके इतिहास को जानते हैं, वे कभी भी ईरानी जनता से धमकी की भाषा में बात नहीं करते, क्योंकि ईरानी क़ौम को झुकाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि अगर वह कोई सैन्य हस्तक्षेप करता है, तो यह कदम यकीनन उसके लिए अपूरणीय क्षति का कारण बनेगा।
ईरानी जनता जिस थोपे गए युद्ध के सामने डटकर खड़ी रही, उसी तरह जिस तरह थोपे गए शांति के सामने भी मज़बूती से खड़ी रही, और यह राष्ट्र किसी भी थोपे गए फैसले के आगे कभी झुकेगा नहीं। मेरी अज़ीम क़ौम इस बात को जान ले, यक़ीन रखे और आश्वस्त रहे कि इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि उनकी किसी भी सैन्य दख़लअंदाज़ी का अंजाम उनके लिए भारी और अपूरणीय क्षति का कारण होगा। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने उस समय की स्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा जब ज़ायोनी शासन ने मूर्खतापूर्ण और शैतानी हमला किया। उन्होंने कहा: यह हमला उस वक़्त हुआ जब हमारे अधिकारी अमेरिका के साथ परोक्ष वार्ता में व्यस्त थे और ईरान की ओर से किसी भी प्रकार की सैन्य या आक्रामक गतिविधि का कोई संकेत नहीं था।हालाँकि शुरुआत से ही यह अंदेशा था कि इस शैतानी कार्रवाई में अमेरिका की भागीदारी हो सकती है, और हालिया अमेरिकी अधिकारियों के बयानों से यह शक दिन-ब-दिन और मजबूत होता जा रहा है।
ज़ायोनी दुश्मन को सज़ा मिलनी चाहिए और वह सज़ा पा भी रहा है। ईरानी राष्ट्र और उसकी सशस्त्र सेनाओं द्वारा दी गई और भविष्य में दी जाने वाली यह सज़ा बहुत कठोर है जिसने इस दुष्ट दुश्मन को कमज़ोर कर दिया है। यह कि उनके अमेरिकी दोस्त मैदान में उतरते हैं, यह स्वयं ज़ायोनी शासन की कमजोरी और असमर्थता का प्रमाण है।
वस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुह
सुप्रीम लीडर के टेलीविज़न संदेश का निष्कर्ष:
1. ईरान अब पीछे हटने वाला नहीं है
सुप्रीम लीडर ने साफ़ कहा कि इस हमले को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा और इससे जुड़ी हर ग़लती का ज़ायोनी शासन को जवाब देना होगा।
2. ईरानी राष्ट्र एकजुट है
देश के तमाम राजनीतिक और सामाजिक तबक़े इस मुद्दे पर एकमत हैं, सभी वर्ग युद्ध जैसी स्थिति में सरकार और सेनाओं के साथ मज़बूती से खड़े हैं।
3. ईरान सैन्य जवाब की तैयारी में है
नेता ने दो टूक कहा कि ईरान की सशस्त्र सेनाएँ पूरी तरह तैयार हैं और दुश्मन को “भारी चोट” दी जाएगी।
4. इज़रायल की रणनीति उल्टी पड़ गई
ईरानी नेतृत्व इसे एक बड़ी रणनीतिक भूल मानता है और कहता है कि इस हमले ने ईरान को और अधिक मज़बूत और संगठित कर दिया है।
5. कोई समझौता या नरमी नहीं होगी
संदेश में बार-बार इस बात को दोहराया गया कि न तो क्षमा होगी और न ही किसी प्रकार का समझौता। यह संघर्ष अब निर्णायक होगा। यह एक चेतावनी है, सिर्फ़ इज़राइल को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को कि, ईरान अब केवल रक्षा नहीं करेगा, बल्कि ज़्यादा मज़बूती से जवाब देगा। यह शांति या बातचीत का नहीं, प्रतिरोध और कड़ी कार्रवाई का दौर है।

