ईरानी मिसाइलों ने अमान और मोसाद जैसे प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया
तेहरान से मिली रिपोर्टों के अनुसार, ईरान ने अपनी सुरक्षा पर हुए हमलों का जवाब अब सीधे इज़राइली सैन्य और खुफिया ढांचों को निशाना बनाकर दिया है। सोमवार रात दागी गई मिसाइलों ने क़ब्ज़ा किए गए फ़िलिस्तीनी इलाकों में कई अहम स्थानों को तहस-नहस कर दिया। इन हमलों में सबसे बड़ा निशाना बना ग्लीलोत में स्थित ‘अमान’ का लॉजिस्टिक सेंटर, जो इज़रायली सैन्य खुफिया एजेंसी का मुख्य ऑपरेशन हब है।
साथ ही हर्ज़लिया में मोसाद मुख्यालय पर भी हमला हुआ, जहां से वर्षों से ईरान और उसके सहयोगी देशों के ख़िलाफ़ गुप्त अभियान चलाए जाते रहे हैं। हिब्रू मीडिया द्वारा कुछ समय के लिए प्रकाशित और फिर हटाई गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि हमला किसी आम जगह पर नहीं, बल्कि एक अति संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हुआ।
ईरान के इस हमले को सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश माना जा रहा है कि, अगर उसकी सीमाओं, प्रतिष्ठानों या वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया, तो जवाब भी उसी स्तर पर और उससे आगे जाकर दिया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में इज़रायल की साइबर जासूसी एजेंसी यूनिट 8200 के गुप्त बैकअप केंद्र भी तबाह हो गए हैं।
इज़रायली सेना ने देशभर में CCTV और ट्रैफिक कैमरे बंद करने का आदेश देकर इस हमले की गंभीरता को छुपाने की कोशिश की है, लेकिन क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह ईरान की सैन्य क्षमताओं और खुफिया नेटवर्क की एक स्पष्ट और शक्तिशाली चेतावनी है।
यह हमला बताता है कि अब ईरान सिर्फ बचाव में नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति पर भी तैयार और सक्षम है, और उसके निशाने पर अब केवल सीमावर्ती ठिकाने नहीं, बल्कि दुश्मन के सबसे सुरक्षित और रहस्यमयी केंद्र भी आ चुके हैं।

