ईरानी मिसाइलों ने इज़रायल में भारी तबाही मचाई है: पूर्व इज़रायली पीएम
इज़रायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहूद ओल्मर्ट ने बुधवार तड़के अमेरिकी राष्ट्रपति से अपील की है कि, वह नेतन्याहू को ग़ाज़ा युद्ध रोकने पर मजबूर करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु शक्ति नहीं बनने देना चाहिए।
इज़रायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहूद ओल्मर्ट ने अलजज़ीरा से बातचीत में कहा:
“ग़ाज़ा में अगवा किए गए सैनिकों को वापस लाना चाहिए और ग़ाज़ा पट्टी में हमास से अलग एक संयुक्त सरकार बनाई जानी चाहिए। इज़रायली नेताओं को चाहिए कि, वे ग़ाज़ा में युद्ध रोकने के लिए नेतन्याहू पर दबाव बनाएं।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि नेतन्याहू जल्द ही समयपूर्व चुनावों की घोषणा करेंगे और
“हमें पूरा विश्वास है कि अगर जल्दी चुनाव कराए गए, तो नेतन्याहू की सरकार गिर जाएगी। सर्वेक्षणों से स्पष्ट है कि विपक्ष को अगली सरकार में जीतने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं।”
ओल्मर्ट ने आगे कहा:
“हम चाहते हैं कि ट्रंप नेतन्याहू पर दबाव डालें और कहें कि अब बहुत हो चुका! ज़्यादातर इज़रायली चाहते हैं कि ग़ाज़ा युद्ध का अंत हो।”
ग़ाज़ा इज़रायल का हिस्सा नहीं
अपने इस बयान में उन्होंने यह भी कहा कि, “हम नेतन्याहू को हटाना चाहते हैं और इसके लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि, ग़ाज़ा इज़रायल का हिस्सा नहीं है। मेरा मानना है कि यह युद्ध अनावश्यक, अवैध और एक अपराध है।”
ईरान और इज़रायल के बीच हुए 12-दिनों के युद्ध पर उन्होंने कहा:
“ईरानी मिसाइलों ने इज़रायली शहरों को गंभीर नुकसान पहुंचाया। ईरानी शासन इज़रायल के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व नहीं चाहता।”उन्होंने दावा किया कि, “ईरान ने इज़रायल की क्षमताओं का ग़लत आकलन किया है। कोई भी देश या सरकार इज़रायल को समाप्त नहीं कर सकती।”
इज़रायल ने ईरान में नागरिक इलाकों और रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया
अलजज़ीरा ने ओल्मर्ट के हवाले से लिखा: “हमने अमेरिका को ईरान पर हमला करने के लिए राज़ी कर लिया था। ईरान पर किए गए हमले इज़रायल और उसकी सेना के लिए बड़ी सफलता रहे। ईरान की क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थिति अब बेहद कमज़ोर हो चुकी है, जबकि इज़रायल ने ईरान पर किए गए हमलों में नागरिक इलाकों और रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया, ओल्मर्ट ने दावा किया: “हम ईरानी जनता से युद्ध नहीं करना चाहते। हमारा लक्ष्य सिर्फ ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकना है।”

