Site icon ISCPress

ईरान युद्ध, इजऱायल को आंसुओं और पछतावे के साथ छोड़ना पड़ेगा: हारेत्ज़

ईरान युद्ध, इजऱायल को आंसुओं और पछतावे के साथ छोड़ना पड़ेगा: हारेत्ज़

प्रसिद्ध इज़रायली अख़बार हारेत्ज़ के वरिष्ठ पत्रकार गिदोन लेवी ने अपने लेख में लिखा है कि, ईरान पर हमले की शुरुआत में इज़रायल को जो जोश और घमंड था, वह बहुत जल्द खत्म हो गया। उनका कहना है कि आखिरकार, इज़रायल को यह युद्ध पछतावे और आँसुओं के साथ छोड़ना पड़ेगा।

तसनीम न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गिदोन लेवी ने लिखा है कि इज़रायल हमेशा युद्धों को लेकर उत्साहित रहा है, सिवाय 1973 के अक्टूबर युद्ध के। हर बार की तरह इस बार भी उसने अपनी सैन्य और खुफिया ताकत पर घमंड किया, लेकिन कोई भी युद्ध ऐसा नहीं रहा जो इज़रायल ने रोए बिना खत्म किया हो।

लेवी ने उदाहरण देते हुए कहा कि 1982 के पहले लेबनान युद्ध की शुरुआत में तत्कालीन प्रधानमंत्री मेनाखेम बेगिन बेहद उत्साहित थे, लेकिन अंत में वह पद छोड़ते वक्त गहरे अवसाद में थे।

उन्होंने आगे कहा: “ईरान के साथ यह युद्ध भी इज़रायल के लिए वैसा ही होगा। शुरुआत में इज़रायल को कुछ समय के लिए खुशी मिली, लेकिन जैसे ही ईरानी हमलों के बाद सायरन बजने लगे और लाखों लोगों को बंकरों में भागना पड़ा, वह खुशी मातम में बदल गई।”

लेवी ने यह भी लिखा कि इज़रायल को यह गलतफहमी थी कि ईरान पर बमबारी के तुरंत बाद वहाँ की सरकार गिर जाएगी और उसकी जगह इज़रायल समर्थक शासन आ जाएगा, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम था।

उनके मुताबिक, “इज़रायली नेतागण खुद को हमेशा सही मानते हैं, लेकिन यह घमंड यूनानी मिथकों जैसी एक दुखद कहानी में तब्दील हो सकता है। इज़रायल ने एक ऐसा युद्ध छेड़ दिया है जिसे रोका जा सकता था, बशर्ते वह अमेरिका को ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत से पीछे हटने को मजबूर न करता।”

लेवी ने अंत में लिखा कि यह युद्ध इज़रायल के लिए सबसे खतरनाक साबित हो सकता है और इसका अंत काफी हद तक अमेरिका के ‘बेमिज़ाज’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निर्भर है। उन्होंने कहा: “आज इज़रायली नागरिक जो तबाही, मौत और अव्यवस्था देख रहे हैं, वे खुद से पूछ रहे हैं, क्या वाकई युद्ध ही एकमात्र रास्ता था?”

Exit mobile version