ईरान ने G7 देशों के पक्षपाती बयान पर कड़ा ऐतराज़ जताया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने G7 नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा: “G7 को अपनी पक्षपाती बयानबाज़ी बंद कर, तनाव की असली जड़ यानी इज़रायल के हमलों पर ध्यान देना चाहिए।”
तसनीम न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बक़ाई ने कहा कि G7 देशों के बयान में ज़ायोनी शासन द्वारा ईरान पर किए गए खुले हमले, शांतिपूर्ण परमाणु ढांचे, गैरकानूनी बमबारी और रिहायशी इलाकों पर हमलों तथा नागरिकों की हत्या को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने कहा कि G7 के सदस्य देशों, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्य देशों को एक संयुक्त राष्ट्र सदस्य के खिलाफ खुले युद्ध की ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और सच्चाई को स्पष्ट रूप से सामने लाना चाहिए। इज़रायल की यह आक्रामकता न सिर्फ़ यूएन चार्टर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु हथियार न फैलाने की वैश्विक संधियों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही है।
बक़ाई ने कहा: “इज़रायल ने बिना किसी वजह के ईरान पर आक्रमण किया है और हमारे परमाणु ढांचे को निशाना बनाया है। यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2 की धारा 4 का खुला उल्लंघन है और शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर बल प्रयोग या बल की धमकी देने पर अंतरराष्ट्रीय निषेध का उल्लंघन करता है।”
उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि, इज़रायली हमलों में सैकड़ों निर्दोष नागरिक मारे गए हैं, सार्वजनिक ढांचे और लोगों के घरों को बर्बरता से नष्ट किया गया है और ईरान के अस्पताल व चिकित्सा केंद्र भी इन हमलों से सुरक्षित नहीं रहे।
प्रवक्ता ने सवाल उठाया: “क्या ईरान के पास इस जघन्य हमले के सामने आत्मरक्षा के अलावा कोई और विकल्प है?”
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि वह अपने मुख्य कर्तव्य का निर्वहन करे और इज़रायल को आगे के अपराधों से रोके।बक़ाई ने अंत में दोहराया कि “क्षेत्रीय स्थिरता तभी संभव है जब इज़रायल की आक्रामकता रोकी जाए और वह अपने अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के उल्लंघन की जिम्मेदारी स्वीकार करे।”

