ईरान ने स्वेज नहर में फसे कार्गो शिप और इस कारण विश्व व्यापार को प्रतिदिन हो रहे करोड़ों डालर के नुकसान से बचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग सुझाया है रिपोर्ट के अनुसार ईरान 7200 किलोमीटर के मल्टी मोड मार्ग के लिए हिंदुस्तान और रूस से बात कर रहा है! ईरान चाहता है कि चाबहार बंदरगाह को हिंदुस्तान से जोडने के लिए प्रयोग करे।
ईरान की इच्छा है कि वह यूरोप को एशिया से जोड़ने का अपना प्रस्ताव पेश करे ताकि स्वेज नहर में कार्गो शिप के फंसने के बाद उपजने वाले संकट जैसी स्थिति से बचा जा सके।
प्रेस टीवी से बात करते हुए एक ईरानी राजनयिक ने कहा कि उत्तर और दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारा [INSTC] कई दिन से बंद पड़ी स्वेज़ नहर का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है जिस कारन प्रतिदिन अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है इस कॉरिडोर में खतरा और खर्च कम जबकि लाभ अधिक है ।
रूस में ईरान के राजदूत काज़िम जलाली ने कहा कि ईरान के मार्ग से सिर्फ 20 दिन में सामान को कम खर्च पर यूरोप भेजा जा सकता है सामान के लाने ले जाने के लिए स्वेज़ से बेहतर विकल्प मौजूद है।
ईरान अपने रेलवे ट्रैक के साथ साथ अपने बंदरगाहों को विकसित कर रहा है वह भारत और रूस के साथ अपने समुद्री और रेल कॉरिडोर को बढ़ा रहा है। जिस से भारत से यूरोप जाने वाले सामान के किराया में अभूतपूर्व कमी आएगी और खर्चे में भी बचत होगी।
तुर्की भी चीन पहुँचने के लिए ईरान और रूस से सहयोग करना चाहता है। यह सब देश देश सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूरोप की उन पर निर्भरता बढ़ेगी। यह सब सत्तावादी हैं और व्यापार मार्ग पर अपना नियंत्रण चाहते हैं ताकि उसी हिसाब से प्रभावी हो सकें।