ईरान ने फोर्दो परमाणु केंद्र में फिर से शुरू की गतिविधियाँ: सीएनएन
अमेरिका की ईरानी परमाणु ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई को डोनाल्ड ट्रंप ने “राजनीतिक जीत” बताकर इसे सफल बताया और दावा किया कि “ईरान की सभी परमाणु साइट्स तबाह कर दी गई हैं, लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के हवाले से सीएनएन ने बताया है कि यह हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य ढांचे को नष्ट नहीं कर सके, और हो सकता है कि सिर्फ कुछ महीनों के लिए इसे धीमा किया हो।
पेंटागन की खुफिया शाखा (DIA) की इस गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक, हमलों से फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान की ज़मीन पर मौजूद इमारतों को तो नुक़सान पहुँचा, लेकिन वहाँ मौजूद उच्च स्तर पर संवर्धित यूरेनियम और सेंट्रीफ्यूज मशीनें अब भी लगभग सलामत हैं।
सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी B-2 बमवर्षकों ने फोर्दो और नतांज़ पर 12 से ज़्यादा बम गिराए, लेकिन ये गहराई में मौजूद यूरेनियम या सेंट्रीफ्यूज को पूरी तरह नष्ट नहीं कर सके। वहीं इस्फहान को टॉमहॉक मिसाइलों से निशाना बनाया गया क्योंकि यह माना गया कि बंकर-भेदी बम वहां की गहराई तक नहीं पहुंच पाएंगे।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लेविट ने इस रिपोर्ट को “अत्यंत गोपनीय” और “काल्पनिक” बताया है। एक डेमोक्रेट सांसद पैट रायन ने सोशल मीडिया पर कहा कि ट्रंप ने कांग्रेस की गोपनीय बैठक रद्द कर दी क्योंकि उनके दावे – कि “ईरान की सभी परमाणु क्षमताएं नष्ट कर दी गई हैं” – को उनकी टीम खुद नहीं सही ठहरा सकती।
सीएनएन ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी यह भी मानते हैं कि ईरान के पास कुछ गुप्त परमाणु ठिकाने हैं जिनके बारे में अमेरिका और इज़रायल को कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिए गए हैं कि ईरान के पास कुछ ऐसे परमाणु ठिकाने हैं जिनके बारे में अमेरिका और इज़रायल को कोई जानकारी नहीं है। इसका मतलब यह है कि ईरान ने न सिर्फ अपने मौजूदा केंद्रों को बचा लिया है, बल्कि भविष्य के लिए भी अपनी तैयारी गुप्त रूप से जारी रखी है।
इस रिपोर्ट से साफ़ है कि अमेरिका द्वारा “परमाणु क्षमताओं के विनाश” का दावा ज़मीनी हकीकत से काफी दूर है। ईरान अब फिर से सक्रिय हो गया है और उसका परमाणु कार्यक्रम कुछ महीनों की देरी के बाद भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ — बल्कि फिर से तेज़ी पकड़ रहा है।

