ईरान ने इज़रायल और अमेरिका दोनों पर जीत हासिल की: सुप्रीम लीडर
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनई का राष्ट्र को संबोधन:
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने अपने तीसरे वीडियो संदेश में ईरानी जनता को संबोधित करते हुए हालिया घटनाओं पर तीन बड़ी बधाइयाँ दीं। उन्होंने इस्लामी गणराज्य की सैन्य सफलता, अमेरिका पर कड़ी प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय एकता को ईरानी राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियाँ बताया।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने अपने तीसरे वीडियो संदेश में ईरानी जनता को संबोधित करते हुए हालिया घटनाओं पर तीन बड़ी बधाइयाँ दीं। उन्होंने इस्लामी गणराज्य की सैन्य सफलता, अमेरिका पर कड़ी प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय एकता को ईरानी राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियाँ बताया।
उन्होंने कहा कि:
” इज़रायली शासन, इस्लामी गणराज्य के हमलों से लगभग ढह गया और बुरी तरह कुचल दिया गया। उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ईरान इतने सटीक और घातक हमले कर सकता है। हमारे सैनिकों ने उनके अत्याधुनिक सुरक्षा ढांचे को भेदते हुए कई सैन्य और शहरी ठिकानों को मटियामेट कर दिया।”
दूसरी बधाई उन्होंने अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले को लेकर प्रतिक्रिया को लेकर दी। उन्होंने कहा:
“अमेरिका सीधे युद्ध में कूदा ताकि इज़रायल को बचा सके, लेकिन कुछ हासिल नहीं कर सका। उन्होंने हमारे परमाणु ठिकानों पर हमला किया, लेकिन विफल रहे। जवाब में हमने अमेरिका के क्षेत्रीय अड्डे ‘अल-उदीद’ पर हमला कर उन्हें ज़बरदस्त नुकसान पहुँचाया।”
तीसरी बधाई उन्होंने पूरे ईरानी राष्ट्र को दी, जो इस हालात में एकजुट रहा:
“करीब 90 मिलियन की जनता ने एक आवाज़ में, कंधे से कंधा मिलाकर अपने देश और सैनिकों का समर्थन किया। यह राष्ट्रीय एकता ईरान की महानता का प्रमाण है।”
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अमेरिकी राष्ट्रपति की उस टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि “ईरान को समर्पण करना चाहिए।” उन्होंने इस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा:
“ईरान को समर्पण का कहना एक मज़ाक है। ईरान एक समृद्ध सभ्यता, मज़बूत इरादों और ऐतिहासिक सम्मान वाला देश है। अमेरिका बार-बार नए बहानों से हम पर दबाव डालता है, लेकिन उसकी असली मंशा है – ‘ईरान को झुकाना’ – और यह कभी नहीं होगा।”
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने ईरानी जनता की शान, आत्मनिर्भरता और जीत को ईश्वर की कृपा बताया और राष्ट्र की कामयाबी के लिए दुआ की।

