ईरान ने इज़राइली सुरक्षा कैमरों को हैक किया: ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने हाल ही में एक ऐसा क़दम उठाया जिसने न सिर्फ़ इज़राइल को चौंकाया, बल्कि साइबर युद्ध में तेहरान की बढ़ती ताक़त को भी दुनिया के सामने लाकर रख दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने फिलिस्तीन के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में लगे निजी इज़राइली सुरक्षा कैमरों को हैक करने का प्रयास किया ताकि वह ज़मीनी स्तर पर रियल-टाइम जानकारी हासिल कर सके।
इज़राइली साइबर राष्ट्रीय प्राधिकरण के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर, राफाएल फ्रैंको ने इस बात की पुष्टि की कि, ईरानी हैकर्स ने हाल के दिनों में उन कैमरों से जुड़ने की कोशिश की, जिनसे यह पता चल सके कि मिसाइल कहां गिरे और किस क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ। इसका मक़सद यह था कि भविष्य के हमलों को और अधिक सटीक बनाया जा सके।
यह कदम यह साबित करता है कि ईरान अब केवल सैन्य मोर्चों पर नहीं, बल्कि तकनीकी और सूचना के स्तर पर भी इज़राइल को कड़ी चुनौती दे रहा है। जिस तरह ईरान ने दुश्मन की निगरानी व्यवस्था को निशाना बनाया है, वह दिखाता है कि वह आधुनिक युद्ध की ज़रूरतों को समझता है और उन्हें अपनाने में सक्षम भी है।
यह घटना इस्लामी प्रतिरोध की एक नई दिशा को दर्शाती है, जिसमें हथियारों के साथ-साथ तकनीक और डेटा की भी बराबर भूमिका है। इज़राइल को यह समझ लेना होगा कि ईरान अब हर मोर्चे पर तैयार है, ज़मीन पर भी और साइबर स्पेस में भी। ईरान पारंपरिक सैन्य युद्ध के साथ-साथ साइबर और सूचना युद्ध को भी हथियार बना रहा है। यह स्पष्ट करता है कि अब जंग सिर्फ टैंकों और ड्रोन की नहीं रही, बल्कि डेटा, सर्विलांस और साइबर कम्युनिकेशन की भी बन चुकी है।
इज़राइल के लिए यह चेतावनी है कि उसका पारंपरिक सैन्य वर्चस्व अब पर्याप्त नहीं है। उसे एक ऐसे विरोधी का सामना है जो अब तकनीकी रूप से भी बराबरी पर उतर आया है, और हर मोर्चे पर लड़ने के लिए तैयार है।

