ईरान, इस्लामी क्रांति के बाद पहले राष्ट्रपति, पद और सम्मान सब गंवाया ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद देश के पहले राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले अबुल हसन बनी सद्र का शनिवार को निधन हो गया है।
ईरान में 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद राष्ट्रपति पद संभालने वाले पहले व्यक्ति थे। हालांकि बाद में उन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा एवं पद के साथ-साथ सम्मान गंवाते हुए देश से छुप कर भागना पड़ा था।
88 वर्षीय बनी सद्र ने पेरिस के एक अस्पताल में शनिवार को दम तोड़ दिया। उनके निधन की जानकारी उनके परिवार के सूत्रों ने दी। बनी सद्र जनवरी 1980 में ईरान के राष्ट्रपति बने थे।
राष्ट्रपति पद संभालने के 16 महीने बाद ही उन्हें अपनी नीतियों के कारण महाभियोग का सामना करते हुए अपना पद छोड़ना पड़ा। राष्ट्रपति पद से बर्खास्त किए जाने के बाद बनी सद्र ने तेहरान छोड़ दिया। बनी सद्र कभी भी सरकार पर अपनी पकड़ नहीं बना पाए।
अमेरिकी दूतावास बंधक संकट और इराक ईरान संघर्ष के चलते देश के राजनीतिक हालात बेहद गंभीर थे। उस समय ईरान में कई बड़े राजनीतिक बदलाव हुए। महाभियोग का सामना करने के बाद बनी सद्र को फ्रांस में अपना निर्वासित जीवन व्यतीत करना पड़ा। कहा जाता है कि बने सद्र ईरान से एक महिला की वेशभूषा में भागे थे।
ईरान में बनी सद्र को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंट के रूप में पहचाना जाता है। कहा जाता है कि जब ईरानी छात्रों ने अमेरिकी दूतावास को अपने कब्जे में लिया तो वहां से बहुत से ऐसे गोपनीय दस्तावेज मिले थे जो इस बात को साबित भी करते थे लेकिन अबुल हसन बनी सद्र से जुड़े हुए दस्तावेज़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया था।