पश्चिमी जगत के मुक़ाबले ईरान और रूस बना रहे हैं नया गठजोड़
ईरान में हुई आस्ताना बैठक और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तेहरान यात्रा पर दुनिया भर की नज़रें टिकी हुई हैं. वर्ल्ड मीडिया में इस समय सबसे ज़्यादा चर्चा पुतिन की ईरान यात्रा को लेकर हो रही है.
पुतिन के सफर को ख़ास कवरेज देते हुए अमेरिका के न्यूज़ वीक ने कहा कि यूक्रेन पर हमले का आदेश देने के बाद पुतिन पहली बार पूर्व सोवियत देशों के बाहर गए हैं. पुतिन के इस सफर के बाद एक नया गठबंधन बनता नज़र आ रहा है जो पश्चिमी जगत के मुक़ाबले खड़ा हो सकता है और उस पर दबाव डाल सकता है.
पुतिन सीरिया संकट के हल के लिए आस्ताना बैठक में भाग लेने के लिए तेहरान पहुंचे हुए हैं. आस्ताना बैठक के माध्यम से ईरान तुर्की और रूस काफी हद तक सीरिया मामले को सुलझाने में सफल रहे हैं. यूक्रेन युद्ध में उलझने के बाद ईरान पहुंचे पुतिन के इस सफर को खासा महत्त्व दिया जा रहा है. पुतिन की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए बीबीसी न्यूज़ के एंकर जॉन सिम्पसन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “पुतिन की ईरान यात्रा रूस, ईरान, सीरिया, चीन और उत्तर कोरिया के बीच नए गठबंधन को और मजबूत करेगी.
वहीँ जर्मन थिंक टैंक के सीनियर मेंबर यानिस केलॉग ने कहा कि ईरान रूस को अमानवीय प्रतिबंधों से निपटने के अपने कामयाब तजरुबे के बारे में बता सकता है. यानिस केलॉग ने रायटर्स से बात करते हुए कहा कि ईरान के सहयोग के मुक़ाबले में रूस तेहरान को सैन्य साज़ो सामान और खाद्य सामग्री के साथ कच्चा माल दे सकता है.
रूस की आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी ने भी ईरान और रूस के बीच बढ़ते सहयोग पर कहा कि रूस और ईरान एक व्यापक रणनीतिक सहयोग समझौते की ओर बढ़ रहे हैं. यह समझौता अगले 20 या 25 वर्षों तक चल सकता है. इस साल ही इस एग्रीमेंट पर दस्तखत किए जाने की संभावना है.