ईरान और क़तर की पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव पर चिंता
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के विदेश नीति डेस्क के अनुसार, ईरान और क़तर ने क्षेत्रीय तनावों पर साझा चिंता व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि क्षेत्र में स्थिरता केवल निरंतर संवाद और रचनात्मक क्षेत्रीय सहयोग से ही संभव है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराकची और क़तर के प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अल-थानी के बीच 13 नवंबर को हुई टेलीफोनिक बातचीत में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बढ़ते तनाव पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने माना कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती झड़पें न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देशों को सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाते हुए तनाव कम करने के लिए प्रयास जारी रखने चाहिए, ताकि क्षेत्र शांति, संवाद और राजनीतिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ सके।
ईरानी और कतरी विदेश मंत्रियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि द्विपक्षीय रिश्तों को विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत करने के लिए निरंतर सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संवाद, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना वर्तमान संवेदनशील हालात में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वार्ता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ग़ाज़ा की वर्तमान स्थिति और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा प्रस्तुत हालिया प्रस्ताव पर केंद्रित रहा। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि फ़िलिस्तीनी जनता के वैध अधिकारों, विशेष रूप से आत्मनिर्णय के अधिकार, की रक्षा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक ज़िम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि ग़ाज़ा की स्थिति को सामान्य करने के लिए परामर्श और समन्वय को जारी रखना आवश्यक है, ताकि मानवीय संकट और खराब न हो।
अराकची और अल-थानी ने इस बात पर सहमति जताई कि क्षेत्रीय स्थिरता तभी संभव है जब सभी संबंधित देश संवाद, कूटनीति और पारस्परिक सहयोग को प्राथमिकता दें। बातचीत का समापन इस आशा के साथ हुआ कि क्षेत्र के देशों के बीच निरंतर प्रयास तनाव कम करने और शांति स्थापित करने में सहायक होंगे।

