संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिलिस्तीन मुद्दे पर दो-राष्ट्र समाधान के पक्ष में वोट दिया
भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जो फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-देश (टू-स्टेट) योजना का समर्थन करता है। इस प्रस्ताव को न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन भी कहते हैं। यह प्रस्ताव फ्रांस ने पेश किया था, जिसे भारत समेत 142 देशों ने समर्थन दिया। 10 देशों ने विरोध में वोट दिया और 12 देश मतदान से दूर रहे।
सभी खाड़ी अरब देशों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं, इज़रायल, संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, हंगरी, माइक्रोनेशिया, नौरु, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, पराग्वे और टोंगा ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
इस घोषणापत्र में 7 ग़ाज़ा में इज़रायली अभियान की भी आलोचना की गई, जिसमें फिलिस्तीनियों की मौत होे रही है और वे भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। घोषणापत्र में इज़रायली नेताओं से साफ तौर पर दो-राज्य समाधान का समर्थन करने की अपील की गई, जिसमें एक संप्रभु और सक्षम फिलिस्तीनी देश शामिल हो।
इसमें इज़रायल से फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा को तुरंत रोकने, पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी इलाके को हड़पने से रोकने और हिंसा रोकने की अपील की गई है। घोषणापत्र में कहा गया है कि, जो फिलिस्तीनी राज्य का एक अहम हिस्सा है और उसे वेस्ट बैंक के साथ जोड़ा जाना चाहिए. वहां कोई कब्जा, घेराबंदी, जमीन पर कब्जा या जबरन पलायन नहीं होना चाहिए।
शुक्रवार को हुए मतदान में, भारत उन देशों में शामिल था, जिन्होंने ‘फिलिस्तीन सवाल के शांतिपूर्ण समाधान और दो-राष्ट्र समाधान के पक्ष में वोट दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत का यह वोट ग़ज़ा के प्रति उसके पहले के रुख से स्पष्ट बदलाव का संकेत है। भारत ने तीन वर्षों में ग़ाज़ा में युद्ध-विराम की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर चार बार मतदान से दूरी बनाई थी।

