ईरान मिसाइलों का असर, संघर्ष-विराम के लिए झुके नेतन्याहू और ट्रंप
ईरान और इज़रायल ने लगातार 12 दिनों तक चले तीव्र हवाई हमलों के बाद संघर्ष-विराम पर सहमति जताई है। तेहरान की ओर से अंतिम समय में दागी गई मिसाइलों की एक लहर के बाद यह समझौता हुआ। मंगलवार सुबह इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि इज़रायल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रातोंरात घोषित संघर्ष-विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले, ईरानी सरकारी टेलीविजन ने संघर्ष-विराम लागू होने की पुष्टि की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “संघर्ष-विराम अब प्रभाव में है। कृपया इसे भंग न करें!” इस दौरान अमेरिका ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर बमबारी की थी और ईरान ने क़तर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया।
नेतन्याहू ने कहा, “ऑपरेशन के उद्देश्यों की प्राप्ति और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ पूर्ण समन्वय के बाद इज़रायल ने उनके द्वारा प्रस्तावित द्विपक्षीय संघर्षविराम को स्वीकार कर लिया है।”
मिसाइलों की लहर
मंगलवार सुबह धीरे-धीरे शांति लौटती दिखाई दी, जब ईरान की ओर से छह लहरों में मिसाइल हमले किए जाने के बाद गोलाबारी रुक गई। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने इशारा किया कि हमले ट्रंप द्वारा घोषित 07:30 GMT की समय सीमा से ठीक पहले किए गए थे।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारी शक्तिशाली सशस्त्र सेनाओं द्वारा इज़रायल की आक्रामकता के जवाब में सैन्य अभियान अंतिम क्षण तक जारी रहा।” इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई, जिसकी पुष्टि आपात सेवाओं और इज़रायली सेना ने की। इसके बाद इज़रायली नागरिकों को मिसाइल शेल्टर्स से बाहर आने की अनुमति दी गई और उसके बाद कोई नया हमला दर्ज नहीं हुआ।
तेहरान से रिपोर्टिंग करते हुए अल जज़ीरा के तोहीद असदी ने कहा कि राजधानी पर इज़रायली हमले रुक गए हैं और यह शांति संघर्ष-विराम की संभावनाओं का एक आशाजनक संकेत है।

