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अगर ग़ाज़ा में बच्चों के लिए दूध नहीं पहुँचा, तो ग़ाज़ा नवजातों का क़ब्रिस्तान बन जाएगा

अगर ग़ाज़ा में बच्चों के लिए दूध नहीं पहुँचा, तो ग़ाज़ा नवजातों का क़ब्रिस्तान बन जाएगा

ग़ाज़ा में बच्चों के कुपोषण संकट को लेकर ग़ाज़ा सरकार के सूचना कार्यालय ने गंभीर चेतावनी जारी की है। इस बयान में कहा गया है कि, शिशुओं के लिए दूध और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों की भारी कमी के चलते सैकड़ों हज़ार बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।

फार्स न्यूज़ एजेंसी की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, ग़ाज़ा सरकार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि, अगर जल्दी ही शिशु आहार (शीर ख़ुश्क) ग़ाज़ा पट्टी में नहीं पहुँचाया गया, तो आने वाले दिनों में एक लाख से ज़्यादा बच्चों की ‘सामूहिक मौत’ का ख़तरा है। सरकार का कहना है कि, कई माताएं अब मजबूरी में अपने नवजातों को शिशु आहार की जगह सिर्फ़ पानी पिला रही हैं।

बयान में बताया गया कि ग़ाज़ा में हर रोज़ सैकड़ों बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। अब तक 122 लोग भुखमरी और कुपोषण से जान गंवा चुके हैं, जिनमें 83 बच्चे शामिल हैं। ग़ाज़ा सरकार ने इस भीषण स्थिति के लिए इज़रायल और उन देशों को ज़िम्मेदार ठहराया है जो ग़ाज़ा पर लगे नाकाबंदी (सीज) में शामिल हैं। उन्होंने सभी सीमाओं को तुरंत खोलने और पूरी नाकाबंदी समाप्त करने की मांग की है।

शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए शिशु आहार एक अहम पोषण स्रोत होता है, लेकिन ग़ाज़ा में अब यह एक भयावह कमी का रूप ले चुका है। हाल के हफ्तों में ग़ाज़ा पट्टी में कुपोषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। अस्पतालों में हर दिन सैकड़ों कुपोषण के मामले दर्ज हो रहे हैं। रिपोर्टों में बच्चों की मौतों में वृद्धि की जानकारी दी गई है, जो खाद्य सामग्री की कमी और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण हो रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में 11,000 से अधिक गर्भवती महिलाएं भुखमरी और गंभीर कुपोषण के खतरे में हैं। यह संकट इज़रायली सेना द्वारा लगाए गए सैन्य और आर्थिक घेराबंदी का नतीजा है, जिसने खाद्य सामग्री और मानवीय सहायता के प्रवेश को रोक रखा है।

स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कई बार मांग कर चुकी हैं कि इस नाकाबंदी को तुरंत पूरी तरह हटाया जाए और सीमाएं खोली जाएं ताकि ज़रूरी मदद और खाद्य सामग्री पहुँचाई जा सके और बच्चों तथा सबसे कमजोर वर्गों की जान बचाई जा सके।

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