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आईडीएफ चीफ और रक्षामंत्री योव गैलेंट ने गाजा में युद्ध-विराम के लिए नेतन्याहू पर दबाव डाला: यरूशलम पोस्ट

आईडीएफ चीफ और रक्षामंत्री योव गैलेंट ने गाजा में युद्ध-विराम के लिए नेतन्याहू पर दबाव डाला: यरूशलम पोस्ट

यरूशलम पोस्ट के मुताबिक आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी और रक्षामंत्री योव गैलेंट दोनों ने ग़ाज़ा में युद्ध-विराम के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अपना दबाव बढ़ाया है ताकि, ग़ाज़ा में हमास द्वारा बंधक बनाकर रखे गए शेष जीवित 101 लोगों को वापस लाया जा सके। हमास ने साफ कर दिया है कि बिना पूर्ण युद्ध-विराम बंधक रिहा नहीं किए जाएंगे।

इज़रायली अखबार यरूशलम पोस्ट के मुताबिक इज़रायल रक्षा प्रतिष्ठान,ग़ाज़ा और लेबनान दोनों में युद्ध-विराम चाहता है। इज़रायली रक्षा प्रतिष्ठान का मानना है कि दोनों जगह सैन्य लक्ष्य हासिल करने के लिए अब कुछ नहीं है और आईडीएफ सैनिकों के रोजाना मारे जाने या घायल होने से निराश है।

इज़रायली रक्षामंत्री योव गैलेंट गाजा नीति को लेकर नेतन्याहू पर पहले भी हमलावर रहे हैं। इज़रायली वॉर कैबिनेट में शुरू से फिलिस्तीन को लेकर मतभेद रहे हैं। गैलेंट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि वो सार्वजनिक रूप से घोषणा करें कि ग़ाज़ा को लेकर उनकी क्या योजना है। गैलेंट ने कहा- उन्होंने कहा, “अक्टूबर 2023 से, मैं इस मुद्दे को लगातार कैबिनेट में उठा रहा हूं और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

हमास का अस्थायी युद्ध-विराम से इंकार

बता दें कि,हमास ने गुरुवार को एक साल से अधिक समय से चल रही लड़ाई को अस्थायी रूप से रोकने के किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया और स्थायी युद्ध-विराम पर अपना जोर दोहराया। हमास ने कहा कि जब तक पूर्ण युद्ध-विराम लागू नहीं होता है तब तक बचे हुए बंधकों को रिहा नहीं किया जाएगा।

हमास के वरिष्ठ अधिकारी ताहिर अल-नुनु ने एएफपी को बताया “युद्ध में अस्थायी विराम का विचार कुछ ऐसा है जिस पर हम पहले ही अपनी स्थिति व्यक्त कर चुके हैं। हमास युद्ध के स्थायी अंत का समर्थन करता है, अस्थायी नहीं।’ उधर इज़रायल के उत्तर में हिज़्बुल्लाह ने गुरुवार को खुले इलाकों में दो अलग-अलग रॉकेट हमलों में सात लोगों की हत्या कर दी। आईडीएफ का मानना है कि यह हिज़्बुल्लाह का अब तक का सबसे बड़ा हमला था।

दोनों हमलों में घायलों को हाइफ़ा के रामबाम हेल्थ केयर कैंपस में ले जाया गया। आईडीएफ ने कहा, हिज़्बुल्लाह ने कुल मिलाकर करीब 25 रॉकेट दागे। ये हमले तब हुए जब आईडीएफ हिज़्बुल्लाह ड्रोन के खतरों को कम करने के अपनी कोशिश कर रहा था।

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