अगर ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम हुआ तो इस्तीफ़ा दे दूंगा: बेन-गवीर
इज़रायल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर ने रविवार को इज़रायली सेना के रेडियो से बात करते हुए ग़ाज़ा में प्रस्तावित संघर्ष-विराम पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो समझौता वर्तमान में विचाराधीन है, वह सभी अपहृत लोगों को वापस नहीं लाएगा, और यह इज़रायल की सुरक्षा के लिए नुक़सानदायक होगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब मिस्र ने ग़ाज़ा में संघर्ष विराम स्थापित करने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसे इज़रायल की सहमति से लागू किया जा सकता है।
बेन-गवीर ने साफ कहा कि अगर इस संघर्ष-विराम पर इज़रायल सरकार सहमति देती है और कोई गैर-जिम्मेदाराना समझौता किया जाता है, तो वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उनका कहना था कि यह समझौता इज़रायल की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ होगा, और इससे ग़ाज़ा के हमास समूह को फायदा हो सकता है।
इसके साथ ही, बेन-गवीर ने यह भी कहा कि वह हर बैठक में ग़ाज़ा के निवासियों के स्वैच्छिक पलायन की जरूरत पर जोर देते हैं और इस मुद्दे पर अब परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। उनका मानना है कि ग़ाज़ा के लोगों को उनके घरों से अन्य स्थानों पर भेजने के लिए अब समय आ गया है, और इज़रायल को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा पट्टी को पिछले एक साल से घेर रखा है और भारी हवाई हमलों और ज़मीनी हमलों के कारण ग़ाज़ा के कई इलाके पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। इस संघर्ष के कारण ग़ाज़ा के हजारों लोग शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। इन परिस्थितियों के बीच, इज़रायल सरकार ने बार-बार ग़ाज़ा के लोगों को उनके घरों से स्थानांतरित करने के संकेत दिए हैं, ताकि ग़ाज़ा को पूरी तरह से खाली किया जा सके और इस क्षेत्र में इज़रायल की रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया जा सके।
हालांकि, ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम की संभावना पर अब भी सवाल उठ रहे हैं, खासकर इस बात को लेकर कि क्या इसे लागू करने से ग़ाज़ा में शांति और स्थिरता स्थापित होगी, या फिर यह केवल एक अस्थायी समाधान साबित होगा।