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ग़ाज़ा के अस्पताल में मानवीय त्रासदी, नवजात शिशुओं की जान संकट में

ग़ाज़ा के अस्पताल में मानवीय त्रासदी, नवजात शिशुओं की जान संकट में 

फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र में स्थित कमाल अदवान अस्पताल के प्रसूति वार्ड में नवजात शिशुओं के लिए गंभीर मानवीय संकट की चेतावनी दी है। यह संकट उत्तरी ग़ाज़ा की 13 दिनों से जारी कड़ी नाकाबंदी के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं और आवश्यक संसाधनों की भारी कमी को जन्म दिया है।

ईंधन और दवाओं की गंभीर कमी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कमाल अदवान अस्पताल में नवजात शिशुओं के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा ईंधन और दवाओं की भारी कमी है। ग़ाज़ा के अस्पतालों में पहले से ही संसाधनों की कमी है, लेकिन उत्तरी ग़ाज़ा पर इजराइली नाकाबंदी ने स्थिति को और भी विकट बना दिया है। 13 दिनों से जारी इस नाकाबंदी के कारण अस्पताल में ईंधन की आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे जनरेटर बंद होने का खतरा बढ़ गया है।

इन जनरेटरों के बिना अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों का संचालन असंभव हो जाएगा। विशेष रूप से नवजात शिशुओं को इस स्थिति में सबसे अधिक जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी देखभाल के लिए विशेष चिकित्सा उपकरणों की आवश्यकता होती है।

मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ईंधन और दवाओं की आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो यह स्थिति नवजात शिशुओं के लिए एक भयानक मानवीय त्रासदी का रूप ले सकती है। अस्पताल प्रशासन भी बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की गुहार लगा रहा है, ताकि नवजात शिशुओं की जान बचाई जा सके।

“जनरलों की योजना” और ग़ाज़ा की नाकाबंदी
इस मानवीय संकट का मुख्य कारण इजराइल द्वारा ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र की नाकाबंदी और बमबारी है। पिछले 13 दिनों से इजराइल ने उत्तरी ग़ाज़ा को “जनरलों की योजना” के तहत पूरी तरह से घेर लिया है। इस योजना का उद्देश्य उत्तरी ग़ाज़ा पर पूरी तरह से नियंत्रण करना और वहाँ के निवासियों को विस्थापित करना है। इजराइली सेना की इस योजना के अनुसार, जो भी व्यक्ति उत्तरी ग़ाज़ा में रहेगा, उसे नाकाबंदी और बमबारी का सामना करना पड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप भूख और संकट की स्थिति पैदा होगी।

इजराइल की इस नाकाबंदी और बमबारी के कारण न केवल नागरिकों की जान को खतरा है, बल्कि अस्पतालों और अन्य आपातकालीन सेवाओं को भी भारी नुकसान हो रहा है। कमाल अदवान अस्पताल में नवजात शिशुओं के लिए जो संकट पैदा हो गया है, वह इसी नाकाबंदी का परिणाम है।

इजराइल-ग़ाज़ा युद्ध का चौथा चरण
इजराइल ने ग़ाज़ा में ज़मीनी युद्ध के चौथे चरण की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त करना है। इस युद्ध के तहत, इजराइली सेना ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र में बसे नागरिकों को विस्थापित करने की कोशिश कर रही है। इस प्रक्रिया में, नागरिक बुनियादी ढांचे, अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों पर बमबारी की जा रही है, जिससे बड़े पैमाने पर मानवीय त्रासदी पैदा हो रही है।

ग़ाज़ा के लोग, विशेष रूप से उत्तरी ग़ज़ा के नागरिक, इस युद्ध और नाकाबंदी से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। क़माल अदवान अस्पताल में नवजात शिशुओं के लिए संकट इस युद्ध और नाकाबंदी का सबसे ताज़ा उदाहरण है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय और अस्पताल प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। उनका कहना है कि अगर समय पर मदद नहीं पहुंची, तो नवजात शिशुओं की जान बचाना असंभव हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से नाकाबंदी हटाने और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।

इस संकटपूर्ण स्थिति में, ग़ाज़ा के नागरिक एक बार फिर से वैश्विक ध्यान और मानवीय सहायता की ओर देख रहे हैं, ताकि उनकी जान और उनके नवजात शिशुओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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