ISCPress

यमन में गहराया मानवीय संकट,11 मिलियन बच्चों पर मौत का साया

यमन में गहराया मानवीय संकट,11 मिलियन बच्चों पर मौत का साया यमन 7 साल से अधिक समय से सऊदी अरब नीत गठबंधन के बर्बर हमले झेल रहा है।

यमन में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। पिछले 7 वर्षों से भी अधिक समय से इस देश पर सऊदी अरब नीत गठबंधन के हवाई हमले एवं देश नाकाबंदी के कारण यमन कंगाल हो चुका है। यमन युद्ध की सबसे अधिक मार आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों पर पड़ रही है।

यमन की बदहाल स्थिति पर बात करते हुए यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि यमन में लगभग 11,3 मिलियन बच्चों को जिंदा रहने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है।

यहां हर 10 मिनट में एक बच्चा मौत का शिकार हो रहा है। यूनिसेफ के कार्यकारी अध्यक्ष के अनुसार यमन के 11 मिलियन से अधिक बच्चों को जिंदा रहने के लिए तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत है। यहाँ हर 10 मिनट में एक बच्चा काल के गाल में समा जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे यूनिसेफ निदेशक ने कहा यमन में कुपोषण और बीमारी के कारण मौत का तांडव जारी है। हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत हो जा रही है। हालांकि अगर प्रयास किए जाएँ तो इन बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।

यमन के हालात इतने खराब हैं कि 21 मिलियन लोगों को जिंदा रहने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है। यहां 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 400000 बच्चों की मौत निश्चित है। 2,3 मिलियन से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जिनमें से 400000 बच्चों का बचना असंभव है। वह पल पल अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं।

याद रहे कि सऊदी अरब नीत सैन्य गठबंधन की नाकाबंदी और बर्बर हमलों के कारण यमन में जरूरी खाद्य पदार्थ एवं दवाओं का भी अकाल पड़ा हुआ है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार यमन में 10 मिलियन से अधिक बच्चों एवं 5 मिलियन से अधिक महिलाओं को जरूरी स्वास्थ्य लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।

Exit mobile version