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हिज़्बुल्लाह ने लेबनान में इज़रायली जासूसी ड्रोन मार गिराया

हिज़्बुल्लाह ने लेबनान में इज़रायली जासूसी ड्रोन मार गिराया

लेबनान की इस्लामिक रेसिस्टेंस (हिज़्बुल्लाह) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया है कि फिलिस्तीन के ग़ाज़ा पट्टी में संघर्षरत लोगों के समर्थन और उनके साहसी प्रतिरोध का साथ देने के उद्देश्य से, साथ ही लेबनान की सीमाओं और उसके नागरिकों की रक्षा के लिए, एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

सोमवार रात लगभग 10:00 बजे, इस्लामिक रेसिस्टेंस के मुजाहिदीन ने लेबनान के अल-तैबा इलाके के हवाई क्षेत्र में उड़ रहे इज़रायली ड्रोन हर्मेस 450 को निशाना बनाया। यह ड्रोन अत्याधुनिक तकनीक और जासूसी क्षमताओं से लैस था, जिसका उपयोग इज़रायली सेना आमतौर पर जासूसी और हमलों की योजना बनाने के लिए करती है।

मुजाहिदीन ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का उपयोग कर इस ड्रोन को गिरा दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्रोन को गिरने के तुरंत बाद आग की लपटों में घिरते देखा गया। यह घटना लेबनान की सीमाओं पर बढ़ते तनाव और इज़रायल की सैन्य गतिविधियों के बीच हुई।

इज़रायली बस्ती पर रॉकेट हमला
इसी रात, लगभग 12:15 बजे, हिज़्बुल्लाह के मुजाहिदीन ने इज़रायली बस्ती किरयात शमोना पर रॉकेट हमले किए। यह हमला लेबनान-इजरायल सीमा क्षेत्र में इजरायल की सैन्य गतिविधियों और ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली सेना के हमलों के जवाब में किया गया। रॉकेट हमलों से क्षेत्र में भारी दहशत फैल गई और इज़रायली सेना को मजबूरन अपने सुरक्षा बलों को सतर्क करना पड़ा। हिज़्बुल्लाह ने यह हमला यह संदेश देने के लिए किया कि लेबनान और उसके नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

हिज़्बुल्लाह का बयान
हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा: “हम अपने बहादुर फिलिस्तीनी भाइयों के साथ खड़े हैं, जो ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली दमन और हमलों का साहसपूर्वक सामना कर रहे हैं। हमारी यह कार्रवाई लेबनान की रक्षा और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

यह घटना ग़ाज़ा पट्टी में जारी इजरायली हमलों के बीच क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाने वाली है। हिज़्बुल्लाह का यह कदम न केवल लेबनान की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में है, बल्कि यह इज़रायल को यह संदेश देने का प्रयास भी है कि क्षेत्रीय ताकतें उसके जुल्मों के खिलाफ खामोश नहीं बैठेंगी।विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के बाद इज़रायल और लेबनान के बीच सैन्य झड़पें और तेज़ हो सकती हैं। यह घटना इज़रायल की हवाई और जमीनी ताकतों के लिए एक चुनौती मानी जा रही है।

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