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हिज़बुल्लाह ने एक बार फिर से इज़रायली सेना के ठिकानों को निशाना बनाया

हिज़बुल्लाह ने एक बार फिर से इज़रायली सेना के ठिकानों को निशाना बनाया

कल रात से हिज़बुल्लाह ने फ़िलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों और दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती इलाकों में इज़रायली कब्जाधारियों के खिलाफ अपने हवाई और जमीनी अभियानों को तेज कर दिया है। इन हमलों में खास तौर से इज़रायली सेना के ठिकानों और सैनिकों के जमावड़े को निशाना बनाया गया है।

हिज़बुल्लाह द्वारा जारी बयानों के अनुसार, हमले का पहला दौर रात 1:00 बजे हुआ, जब शबाअ के कब्जे वाले खेतों में अल-मरज बेस, अल-सदाना क्षेत्र और बर्के अल-नक़ार में इज़रायली सैनिकों के ठिकानों पर बमबारी की गई। इसके बाद रात 1:20 बजे खिला वर्दा क्षेत्र में दुश्मन के सैनिकों को फिर से निशाना बनाया गया।

सुबह 4:30 बजे कब्जाधारियों की स्थिति पर एक बार फिर हमला किया गया, जिससे अल-मरज बेस पर कब्जाधारी सैनिकों के ठिकाने क्षतिग्रस्त हुए। इसके बाद सुबह 6:00 बजे कब्जे वाले क्रियात शमोना शहर को निशाना बनाया गया। यह शहर फ़िलिस्तीन के कब्जे वाले उत्तरी इलाके में स्थित है, जहां ज़ायोनिस्टों के कई प्रमुख ठिकाने हैं।

सुबह 6:30 बजे हिज़बुल्लाह ने फिर से अल-मरज बेस को निशाना बनाते हुए तीसरी बार कब्जाधारी सैनिकों के जमावड़े पर हमला किया। इज़रायली मीडिया ने इस बात की पुष्टि की कि इन हमलों के दौरान कब्जे वाले फ़िलिस्तीन के उत्तरी क्षेत्रों में कई जगहों पर चेतावनी सायरन बजाए गए, जिनमें मसक़ाफ़ाम, क्रियात शमोना, कफर जिलआदी और अन्य स्थान शामिल हैं।

इसके अलावा, हिज़बुल्लाह ने सुबह 6:20 बजे शहर रब तसलासीं के पूर्वी क्षेत्र में इज़रायली सैनिकों के साथ सीधी मुठभेड़ की पुष्टि की है। इस मुठभेड़ के दौरान हिज़बुल्लाह के लड़ाकों और इज़रायली पैदल सेना के बीच तीव्र गोलीबारी हुई, जो अब भी जारी है।

हाइफ़ा पर बैलिस्टिक मिसाइलें और बढ़ता तनाव
हिज़बुल्लाह के इन शुरुआती हमलों के बाद, इज़रायली मीडिया ने दक्षिणी हाइफ़ा, अल-करमेल, वादी आरा, अतलित और कैसरिया में चेतावनी सायरन की आवाज़े सुनीं। यह संकेत था कि इन इलाकों में सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है।

इसके बाद, कब्जाधारी सेना ने बताया कि हिज़बुल्लाह ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को तेज कर दिया है और अब हाइफ़ा पर दो जमीन से जमीन पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इन हमलों के चलते हाइफ़ा और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों हज़ारों इज़रायली नागरिकों को पनाहगाहों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

हालांकि, इज़रायली सेना ने दावा किया है कि उन्होंने इन दोनों मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। फिर भी, इस घटना ने इज़रायल के भीतर डर और चिंता की स्थिति को और बढ़ा दिया है।

हिज़बुल्लाह की ओर से अभी तक हाइफ़ा के दक्षिण पर हुए हमले के बारे में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन इस तरह के हमलों से आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ने की संभावना है। इज़रायल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, यह देखना होगा कि हिज़बुल्लाह के हमलों का अगला कदम क्या होगा और इज़रायल किस तरह से इन हमलों का जवाब देगा।

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