हिज़्बुल्लाह का तेल अवीव पर मिसाइल हमला; बेन-गुरियन हवाई अड्डे की उड़ानें रद्द
लेबनान के हिज़्बुल्लाह समूह द्वारा तेल अवीव पर हुए मिसाइल हमलों ने इज़रायल के भीतर गहरी चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि आज सुबह की इन कार्रवाइयों से न केवल कई विस्फोटों की आवाजें तेल अवीव और उसके आसपास के इलाकों में सुनाई दीं, बल्कि बेन-गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें भी अस्थायी रूप से रोक दी गईं।
इज़रायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चेतावनी सायरनों के सक्रिय होने के साथ ही इज़रायल के प्रमुख शहरों में दहशत फैल गई। “ग्रेटर तेल अवीव” क्षेत्र, जिसमें याफा, रमत गन, पेतह तिकवा, हड हशरोन, रमत हशरोन और गिवाताईम जैसे महत्वपूर्ण शहर शामिल हैं, सायरन की आवाज़ से गूंज उठा। नागरिक सुरक्षित पनाहगाहों की ओर भागने लगे, जिससे सड़कों पर भारी भीड़ और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की भी खबरें सामने आईं।
इसी बीच, कुछ मीडिया स्रोतों ने यह भी बताया कि हिज़्बुल्लाह के हमलों में इज़रायल के पूर्वी हिस्से में स्थित रमत डेविड सैन्य हवाई अड्डे को भी निशाना बनाया गया। इज़रायली सेना ने दावा किया कि इस हवाई अड्डे की ओर दागी गई मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक लिया गया, लेकिन यह घटना इज़रायली सुरक्षा तंत्र की कमजोरी की ओर इशारा करती है, खासकर जब हिज़्बुल्लाह नियमित रूप से संवेदनशील स्थलों को निशाना बना रहा है।
हिज़्बुल्लाह ने भी इस हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने विशेष मिसाइलों का उपयोग करके तेल अवीव के बाहरी इलाके में स्थित गलीलोट बेस, जो कि इज़रायल की खुफिया इकाई 8200 का मुख्यालय है, को निशाना बनाया। यह इकाई इज़रायल की सबसे महत्वपूर्ण खुफिया एजेंसियों में से एक मानी जाती है, और इसे निशाना बनाना हिज़्बुल्लाह की बढ़ती सैन्य क्षमता का संकेत है।
इन घटनाओं के मद्देनज़र, इज़रायल में तनाव और बढ़ गया है, और लगातार हो रहे इन हमलों ने देश की सुरक्षा रणनीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिज़्बुल्लाह की ओर से जारी इस तरह के हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस संघर्ष में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है।