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हिज़्बुल्लाह का ड्रोन हमला; दक्षिण हाइफा में भीषण विस्फोट

हिज़्बुल्लाह का ड्रोन हमला; दक्षिण हाइफा में भीषण विस्फोट

आज शनिवार सुबह इज़रायली मीडिया में भारी चिंता और डर का माहौल छा गया, जब यह खबर आई कि हाइफा खाड़ी में चेतावनी के सायरन बजाए गए हैं। इन सायरनों के बजने के पीछे कारण यह बताया गया कि उत्तरी कब्जे वाले फ़िलिस्तीन के आसमान में हिज़्बुल्लाह के ड्रोन की संभावित घुसपैठ और हमले की आशंका थी।

कुछ ही देर बाद इज़रायली चैनल 12 ने यह खबर दी कि तीन ड्रोन ने लेबनान से उड़ान भरकर नाहारिया, अक्का और हाइफा खाड़ी के क्षेत्रों में प्रवेश किया। हालांकि, इज़रायली सेना ने दावा किया कि वे इनमें से एक ड्रोन को रोकने में सफल रहे। इसके बावजूद, अन्य ड्रोन द्वारा की गई घुसपैठ से पूरा क्षेत्र अलर्ट पर आ गया।

सिर्फ यही नहीं, बल्कि कई अन्य मीडिया रिपोर्टों ने इस बात की भी पुष्टि की कि तबरियाह और उसके आसपास, गलील और दक्षिणी कब्जे वाले गोलान के इलाकों में भी चेतावनी सायरन बजाए गए। इससे पूरे क्षेत्र में चिंता और भय का माहौल फैल गया।

इस घटनाक्रम के बीच, चैनल 12 ने बताया कि तबरियाह के आसपास के क्षेत्रों में दो जबरदस्त विस्फोट हुए। इसके बाद, एक और धमाका केसारिया शहर में हुआ, जो कि हाइफा के दक्षिण और नेतानिया के उत्तर में स्थित है। इस धमाके से पूरे शहर में दहशत फैल गई, और इस विस्फोट की आवाज़ दूर-दूर तक सुनी गई।

केसरिया में ड्रोन एक इमारत से टकराया, जिसके बाद एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कई इज़रायली सैनिक घायल हो गए। इज़रायली मीडिया ने इस घटना को गंभीर बताया, और कहा कि इस हमले से यह स्पष्ट हो गया कि हिज़्बुल्लाह के पास अब ऐसे ड्रोन हैं, जो इज़रायली क्षेत्र में घुसपैठ कर सकते हैं और बड़े नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इस खबर के फैलने के बाद, तेल अवीव के पास भी सायरन बजने लगे, और स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल डिवाइसों पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस) में अचानक से गड़बड़ी की शिकायत की। यह इस बात का संकेत था कि इज़रायल को किसी नए खतरे की आशंका थी।

इसके अलावा, इज़रायली प्रशासन ने तेल अवीव के पास गिलीलोट क्षेत्र में भी सायरन बजाए जाने की सूचना दी। इस क्षेत्र में एक इज़रायली सैन्य अड्डा स्थित है, जो कि इज़रायल की खुफिया यूनिट 8200 और मोसाद से संबंधित है। इस क्षेत्र को पहले भी कई बार लेबनान के प्रतिरोध द्वारा निशाना बनाया गया है, और इस बार फिर से इसे एक गंभीर खतरा माना जा रहा है।

इस पूरे घटनाक्रम ने इज़रायली सरकार और सेना की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। हिज़्बुल्लाह के ड्रोन हमले के कारण न केवल इज़रायल के नागरिक क्षेत्रों में खलबली मच गई है, बल्कि इज़रायली सैन्य प्रतिष्ठान भी इस हमले से हिल गए हैं।

इस घटना से यह साफ हो गया है कि हिज़्बुल्लाह के पास ऐसी तकनीक और क्षमताएं मौजूद हैं, जो इज़रायली हवाई सुरक्षा तंत्र को चुनौती दे सकती हैं। यह हमला इज़रायली शासन के लिए एक कड़ा संदेश है कि उनके विरोधी अब किसी भी हद तक जा सकते हैं, और आने वाले समय में इज़रायल को और भी गंभीर खतरों का सामना करना पड़ सकता है।

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