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ग़ाज़ा में भारी बारिश से फिलिस्तीनियों की मुश्किलें बढ़ीं: सिविल डिफेंस

ग़ाज़ा में भारी बारिश से फिलिस्तीनियों की मुश्किलें बढ़ीं: सिविल डिफेंस

ग़ाज़ा पट्टी में जारी इजरायली हमलों के बीच अब प्राकृतिक आपदा ने फिलिस्तीनियों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। भारी बारिश ने युद्ध से पहले से ही संकटग्रस्त फिलिस्तीनियों के लिए जीवन को और कठिन बना दिया है। ग़ाज़ा की सिविल डिफेंस सेवाओं के प्रवक्ता मोहम्मद बासिल ने बताया कि भारी बारिश की वजह से शरणार्थी शिविरों में पानी भर गया है। इससे न केवल लोगों को असुविधा हो रही है, बल्कि उनके सीमित संसाधनों को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।

प्राकृतिक आपदा ने बढ़ाया मानवीय संकट
मोहम्मद बासिल ने कहा कि बारिश की वजह से ग़ाज़ा के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। शिविरों में रहने वाले परिवारों को बेहद कठिन हालात का सामना करना पड़ रहा है। पानी भरने से उनकी चटाईयों और अन्य जरूरी सामान को नुकसान हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस संकट पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह बड़ी मानवीय आपदा में बदल सकता है।

अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील
ग़ाज़ा की सिविल डिफेंस सेवाओं ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि सर्दियों के इस कठिन समय में फिलिस्तीनियों को तत्काल सहायता मुहैया कराई जाए। इसमें विशेष रूप से शरणार्थी शिविरों के लिए टेंट, गर्म कपड़े और अन्य बुनियादी जरूरतों का इंतजाम करने की बात कही गई है।

युद्ध के विनाशकारी आंकड़े
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायली हमलों में अब तक 44,000 से अधिक नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। साथ ही, एक लाख से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ग़ाज़ा में यह युद्ध अब अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश कर गया है, और स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की आलोचना
अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इजरायल के इन हमलों और मानवीय सहायता को रोकने की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि ग़ाज़ा की पूरी आबादी को व्यवस्थित रूप से खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है, बल्कि एक ऐसा अपराध है, जिसे पूरी दुनिया को मिलकर रोकने की जरूरत है।

बारिश के साथ जारी बमबारी
गौर करने वाली बात यह है कि ग़ाज़ा में भारी बारिश के दौरान भी इजरायल के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बमबारी और बारिश के कारण लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं। आश्रय स्थलों और अस्पतालों में जगह की भारी कमी हो गई है। इस संकट के समय अंतरराष्ट्रीय मदद और मानवीय आधार पर हस्तक्षेप की सख्त जरूरत है।

मानवीय संकट पर दुनिया की नजरें
ग़ाज़ा का यह संकट अब पूरी दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मांग है कि इस स्थिति पर तत्काल ध्यान दिया जाए और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई जाए। सवाल यह है कि क्या दुनिया इस मानवीय त्रासदी को नजरअंदाज करती रहेगी, या गाजा के लोगों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आएगी?

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