हमास ने जीता दिल, इज़रायली सेना का अपमान

हमास ने जीता दिल, इज़रायली सेना का अपमान

आज दोपहर क़ुद्स के समयानुसार, ग़ाज़ा में मौजूद प्रतिरोधी बलों ने संघर्षविराम के पहले चरण के दूसरे दौर में, चार इज़रायली महिला सैन्य बंदियों को रेड क्रॉस के प्रतिनिधियों को सौंप दिया। इसके तुरंत बाद, इज़रायली सेना ने इन बंदियों को सौंपे जाने और उनके शारीरिक रूप से स्वस्थ होने की पुष्टि की।

इसके बदले में, इज़रायल 200 फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करने की तैयारी कर रहा है। इज़रायली बंदियों को रेड क्रॉस को सौंपने की यह प्रक्रिया कई घटनाओं और दिलचस्प पहलुओं से भरी रही, जिनमें से कुछ का विवरण इस प्रकार है:

आज सुबह से ही ग़ाज़ा के “फिलिस्तीन चौक” पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर कताएब अल-क़स्साम और सराय अल-क़ुद्स के लड़ाकों के आगमन का इंतजार कर रहे थे।

इज़रायली बंदियों के सौंपे जाने से कुछ घंटे पहले, हमास और इस्लामिक जिहाद आंदोलन की सैन्य शाखाओं के सैकड़ों लड़ाके ग़ाज़ा के नागरिकों के स्वागत के बीच मैदान में पहुंचे और क़तारबद्ध हुए।

कुछ फिलिस्तीनी माताओं ने अपने बच्चों को प्रतिरोधी बलों के मोटरसाइकिलों पर बिठाया और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं।

इज़रायली नेताओं की तस्वीरें प्रतिरोधी बलों के पैरों के नीचे
प्रतिरोधी बलों ने इज़रायली बंदियों को सौंपने के मंच के नीचे एक बैनर लगाया, जिसने सभी का ध्यान खींचा। इस बैनर पर इज़रायली नेताओं, जैसे कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, की तस्वीरें थीं। इन नेताओं को “ज़ायोनी-नाज़ी अपराधी” बताया गया था। बैनर पर हिब्रू में लिखा गया था, “ज़ायोनीवाद कभी सफल नहीं होगा।”

एक फिलिस्तीनी मां मंच तक पहुंची और प्रतिरोधी लड़ाकों पर फूल बरसाए।

सभी चार इज़रायली बंदी, जो सैन्य पोशाक पहने हुए थीं, फिलिस्तीन चौक में मंच पर पहुंचे और ग़ाज़ा के लोगों के लिए मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया।

इज़रायली मीडिया का गुस्सा
इज़रायली मीडिया ने इस घटना की तस्वीरें प्रकाशित करते हुए इसे अपनी सेना के लिए शर्मनाक करार दिया। उन्होंने लिखा कि मंच पर खड़े कताएब अल-क़स्साम के लड़ाके इज़रायली सैनिकों के साथ हंसते और हथियार लहराते नजर आए। उनके पास वही तवोर राइफलें थीं, जो 7 अक्टूबर को इज़रायली सेना से कब्जे में ली गई थीं।

स्मृति चिह्न और उपहार
पहले दौर में भी, जब तीन इज़रायली महिला बंदियों को रिहा किया गया था, उन्हें प्रतिरोधी बलों ने उपहार दिए थे। इन उपहारों में ग़ाज़ा पट्टी का नक्शा, बंदी महिलाओं की तस्वीरें और प्रशंसा पत्र शामिल थे। इस बार भी रिहा होने वाले इज़रायली बंदियों को ऐसे ही उपहार देकर विदा किया गया।

popular post

दर्दनाक: सऊदी अरब उमराह करने गए 42 भारतीयों की बस दुर्घटना में मौत

दर्दनाक: सऊदी अरब उमराह करने गए 42 भारतीयों की बस दुर्घटना में मौत सोमवार तड़के

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *