फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई तक इज़रायल से और बातचीत से हमास का इनकार

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई तक इज़रायल से और बातचीत से हमास का इनकार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को हमास अधिकारी बासिम नईम ने कहा कि जब तक फिलिस्तीनी क़ैदियों को समझौते के अनुसार रिहा नहीं किया जाता, तब तक इज़रायल के साथ मध्यस्थों के जरिए युद्ध-विराम के आगे के कदमों पर कोई बातचीत नहीं होगी।

गौरतलब है कि हमास ने शनिवार को युद्ध-विराम समझौते के तहत 6 इज़रायली बंधकों को रिहा किया था, जिसके बदले में इज़रायल को 600 से अधिक फिलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करना था, लेकिन इज़रायली प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई को टाल दिया। वास्तविकता यह है कि, जिस दिन से इज़रायली नवजवान बंधक ने हमास सिपाही का माथा चूमा है, उस दिन से नेतन्याहू की नींद उड़ गई है। नेतन्याहू नहीं चाहते कि, बंधकों के साथ हमास मुजाहिदों का अच्छा बर्ताव मीडिया के सामने आए।

रविवार को इज़रायल ने तयशुदा सैकड़ों फिलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई को स्थगित कर दिया और कहा कि, जब तक हमास उनकी शर्तों को पूरा नहीं करता, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। हालांकि इस बात की संभावना पहले से जताई जा रही थी कि, नेतन्याहू प्रशासन युद्ध-विराम समझौते का पालन नहीं करेगा। इज़रायली शासन ने लेबनान में भी युद्ध-विराम समझौते का उल्लंघन करते हुए कई बार सीज़फ़ायर किया था।

इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमास बार-बार समझौते का उल्लंघन कर रहा है, जिसमें हमारे कैदियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले समारोह और उनका निंदनीय राजनीतिक उपयोग भी शामिल है। इसी कारण क़ैदियों की रिहाई को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, हमास का मक़सद केवल यह है कि, पूरी दुनिया देख ले कि, हमने इज़रायली बंधकों के साथ कितना अच्छा व्यवहार किया है। प्रश्न यह उठता है कि, अगर हमास इज़रायली बंधकों की रिहाई के समय सम्मान समारोह करता है तो यह अपमान कैसे हो गया?

रविवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य बासिम नईम ने मीडिया को बताया कि दुश्मन (इज़रायल) के साथ किसी भी तरह की बातचीत, जो मध्यस्थों के माध्यम से की जा रही है, तब तक संभव नहीं जब तक कि समझौते के तहत तय 620 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं किया जाता। इन कैदियों को शनिवार को 6 इज़रायली कैदियों और 4 शवों के बदले में रिहा किया जाना था।

उन्होंने आगे कहा कि मध्यस्थों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दुश्मन समझौते की शर्तों का पालन करे, जैसा कि निर्धारित किया गया है। यह भी स्पष्ट रहे कि 19 जनवरी से जारी युद्ध-विराम के दौरान हमास कई बार इज़रायल पर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं, हालांकि अब तक युद्ध-विराम बरक़रार है।

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