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“हथियार सौंपने” पर हमास ने सऊदी मीडिया के दावे का खंडन किया

हथियार सौंपने पर हमास ने सऊदी मीडिया के दावे का खंडन किया

फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने एक आधिकारिक बयान जारी कर उन तमाम ख़बरों का कड़ा खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया था कि, संगठन ने अंतरराष्ट्रीय निगरानी में अपने हथियार धीरे-धीरे सौंपने पर सहमति जताई है। हमास ने कहा कि यह ख़बर पूरी तरह झूठी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है, जिसका उद्देश्य फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध की छवि को कमजोर करना है।

तसनीम  समाचार एजेंसी के अनुसार, हमास ने अपने बयान में कहा कि, कुछ वेबसाइटों और मीडिया संस्थानों ने एक कथित हमास सूत्र के हवाले से — जिसने सऊदी टीवी चैनल “अल-हदस” से बातचीत की थी — यह दावा किया कि, हमास ने ग़ाज़ा में युद्ध समाप्त होने के बाद अपने हथियार सौंपने पर सहमति दे दी है। हमास ने इस दावे को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि, संगठन ने न तो इस तरह की कोई बातचीत की है और न ही कोई समझौता हुआ है।

हमास ने स्पष्ट कहा कि प्रतिरोध की ताकत और हथियार ही फ़िलिस्तीनी जनता की रक्षा का साधन हैं और ये किसी भी हालत में सौंपे नहीं जाएंगे। बयान में कहा गया, “हमारा प्रतिरोध तब तक जारी रहेगा जब तक फ़िलिस्तीन पूरी तरह आज़ाद नहीं हो जाता। यह ख़बरें केवल दुश्मन के प्रचार का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य ग़ाज़ा के लोगों के मनोबल को तोड़ना है।”

यह बयान उस समय आया है जब सऊदी चैनल “अल-अरबिया” और “अल-हदस” ने कुछ घंटे पहले एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उन्होंने कथित तौर पर हमास के एक सूत्र के हवाले से दावा किया था कि, युद्ध-विराम के बाद हमास अपने हथियार अंतरराष्ट्रीय निगरानी में सौंपने के लिए तैयार है।

हमास ने इन चैनलों की रिपोर्टिंग को “भ्रामक, राजनीतिक रूप से प्रेरित और इज़रायली एजेंडे का हिस्सा” बताया। संगठन ने मीडिया संस्थानों से आग्रह किया कि, वे बिना प्रमाण के किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी न फैलाएँ।

हमास ने अंत में कहा कि ऐसे अफ़वाह फैलाने वाले बयान फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के हौसले को नहीं तोड़ सकते। ग़ाज़ा के लोग और प्रतिरोध आंदोलन, दोनों, इस वक़्त पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूती और एकता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

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