इस्राईल द्वारा गाजा पट्टी को बंद करने के बाद हमाम ने दी चेतावनी

हमास प्रतिरोध मोर्चे के इस्राईल पर मिसाइल हमले के बाद इस्राईल ने गाजा पट्टी के मछुआरों के एक क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया है जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हमास ने कहा है कि इस्राईल को उसकी नीति के गंभीर परिणाम भुगतना होंगे।

बता दें कि गाजा पट्टी में पिछले एक हफ्ते से रोज़ाना झड़पे हो रही हैं जिसको देखते हुए इस्राईल की सुरक्षा कैबिनेट ने 3 बजे एक बैठक निर्धारित की जिसमे गाज़ा पट्टी के क्षेत्र को बंद करने का फैसला लिया गया ।

“Ynet समाचार न्यूज़ एजेंसी के अनुसार हमास ने कहा है कि “मछुआरों के लिए गाजा पट्टी को बंद करना उनके अधिकारों का घोर उल्लंघन है और हमारे लोगों के खिलाफ चल रही आक्रामकता का एक रूप है इस्राईल को जान लेना चाहिए कि फिलिस्तीनी लोगों के प्रति इस्राईल की आक्रामक नीति उसकी हौसलों को कम नहीं कर सकती और और हमारी ताक़त को कमज़ोर नहीं कर सकती है इसलिए इस्राईल को गाज़ा पट्टी को मछुआरों पर बंद करने का परिणाम इस्राईल को भुगतना होगा। बता दें कि हमास ने 2007 में गाज़ा पट्टी को अपने कब्जे में ले लिए था

टाइम्स ऑफ़ इस्राईल के अनुसार हमाम प्रतिरोध मोर्चे ने कहा कि “हम फिलिस्तीनी लोगों पर प्रतिबंधात्मक उपायों और दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे और इस्राईल अपने आक्रामक व्यवहार के परिणाम को ज़रूर भुगतेगा।”

हमास ने कहा कि मछली पकड़ना राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन मछली पकड़ने के क्षेत्र का आकार भिन्न होता है, इस्राईल ने हाल के वर्षों में गाजा पट्टी के वास्तविक शासक हमास पर दबाव डालने के लिए सीमा को बढ़ाया और घटाया है।

ग़ौर तलब है कि हमास ने एक लंबे समय तक यरुशलम में फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईल की जारी नीति का विरोध किया,और 22 मई हो फिलिस्तीन में होने वाले फिलीस्तीनी प्राधिकरण चुनाव अगर रद्द होते होते है तो इससे यरूशलेम, वेस्ट बैंक और गाजा में हिंसा में वृद्धि होने की पूरी संभावना है ।

बता दें कि फिलिस्तीनियों को 15 वर्षों में अपने पहले राष्ट्रीय चुनावों में देरी होने की संभावना है क्योंकि इस्राईल ने पूर्वी यरुशलम को मतदान से रोक दिया है जहां वे रहते हैं क्योंकि इस्राईल यरूशलेम को अपनी राजधानी के रूप में देखता है और जबकि फिलिस्तीनी पूर्वी यरूशलेम को भविष्य में अपने राज्य की राजधानी के रूप में देखना चाहते हैं।

फिलिस्तीनी प्रतिरोध मोर्चे ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से इस्राईल पर रॉकेट हमले यरूशलेम में चल रही अशांति की प्रतिक्रिया में थे,यरुशलम के दमिश्क गेट के पास रमजान की पाबंदी के खिलाफ अरब निवासियों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया। हालाँकि उन प्रतिबंधों को रविवार शाम पुलिस ने हटा लिया गया है ।

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