Site icon ISCPress

ग़ाज़ा जाने वाला वैश्विक समुद्री फ़्लोटिला इज़रायली हाई-रिस्क ज़ोन के क़रीब

ग़ाज़ा जाने वाला वैश्विक समुद्री फ़्लोटिला इज़रायली हाई-रिस्क ज़ोन के क़रीब 

लगभग 50 जहाज़ों वाला “ग्लोबल सी फ़्लोटिला”, जिसमें 500 से ज़्यादा कार्यकर्ता सवार हैं, इस महीने की शुरुआत में इज़रायल की नाकेबंदी तोड़ने और मानवीय मदद पहुँचाने के लिए ग़ाज़ा के लिए रवाना हुआ था। अब जबकि ड्रोन आसमान में मंडरा रहे हैं और ख़तरे तेज़ हो गए हैं। “ग्लोबल समूद फ़्लोटिला” उस क्षेत्र में दाख़िल हो गया है जिसे इज़रायल पहले “हाई रिस्क ज़ोन” कहकर मदद ले जाने वाले जहाज़ों को रोक चुका है। लेकिन इस बार, यह फ़्लोटिला पूरी दुनिया की मज़बूत इरादों के साथ ग़ाज़ा की ओर बढ़ रहा है ताकि 18 महीने से से जारी नाकेबंदी को तोड़ा जा सके।

समूद बेड़े का नवीनतम बयान
फ़िलिस्तीन के ग़ाज़ा के लिए मदद लेकर जा रहा यह वैश्विक फ़्लोटिला मंगलवार, 28 सितम्बर को इज़रायल के हाई-रिस्क ज़ोन में दाख़िल हुआ। यह घिरे हुए ग़ाज़ा से लगभग 50 समुद्री मील दूर था। इस वैश्विक बेड़े के प्रवक्ता ने कुछ ही देर पहले कहा:

“हमें उम्मीद है कि क़ब्ज़ा करने वाली सेनाएँ 150 समुद्री मील की दूरी पर जहाज़ों को रोकने और क़ब्ज़ा करने की कोशिश करेंगी।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर किसी भी जहाज़ को रोका गया, तो बाक़ी बेड़ा अपनी यात्रा जारी रखते हुए ग़ाज़ा पट्टी की ओर बढ़ता रहेगा।

500 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ 50 के करीब जहाज़ों का यह क़ाफ़िला, ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायल की नाकेबंदी तोड़ने और मानवीय मदद, ख़ास तौर पर दवाइयाँ पहुँचाने के मक़सद से भेजा गया है। ग्लोबल सी फ़्लोटिला” के इंस्टाग्राम पर डाली गई एक पोस्ट के अनुसार, जब यह रिपोर्ट लिखी गई तब यह बेड़ा ग़ाज़ा के तट से 50 नॉटिकल मील दूर था।

अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायली फ़ौज, ग़ाज़ा में 66,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों को मार चुकी है, जिनमें ज़्यादातर औरतें और बच्चे हैं। लगातार बमबारी ने इस पट्टी को रहने लायक़ नहीं छोड़ा और भूखमरी व बीमारियों को बढ़ा दिया है।

सुरक्षित रास्ते की अपील करते हुए “टीजेई ग्लोबल सी फ़्लोटिला” के क्रू ने कहा, “सरकारों की नाकामी ने आम नागरिकों को मजबूर कर दिया है कि वे केवल अपनी क़ानूनी और नैतिक ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए असाधारण ख़तरों का सामना करें—यानी मानवीय मदद पहुँचाना और बेहद ज़रूरी समुद्री रास्ता खोलना।”

पोस्ट में आगे कहा गया है कि 2007 से ग़ाज़ा पर थोपे गए “घातक नाकेबंदी” ने ज़िंदगी के हर क्षेत्र को तबाह कर दिया है। आज हालात विनाशकारी हो चुके हैं। कम से कम, सरकारों को इस क़ानूनी और सबसे बढ़कर अहम मिशन के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने की माँग करनी चाहिए।”

समूद बेड़े को नियंत्रित करने की इज़रायली तैयारी
इब्रानी मीडिया “कान” ने रिपोर्ट दी है कि इज़रायल, समूद बेड़े (फ़्लोटिला ) की नौकाओं को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। एक इज़रायली सुरक्षा अधिकारी ने पिछले हफ़्ते धमकी दी थी कि, समुद्री नाकाबंदी को तोड़ने की इजाज़त नहीं दी जाएगी और इज़रायली सेना की नौसेना तथा विशेष बल “शायेटेट 13” को समूद बेड़े का सामना करने के लिए तैयार किया गया है।

Exit mobile version