कड़ाके की सर्दी में जर्मनी के 23 बेघर लोगों की मौत जर्मनी के ZDF न्यूज नेटवर्क ने एक रिपोर्ट में बेघर होने के मुद्दे को कवर किया। समाचार नेटवर्क के अनुसार सर्दियों में जर्मनी की सड़कों पर कम से कम 23 बेघर जर्मनों ने भयंकर ठंढ और ठंडे मौसम के कारण अपनी जान गंवा दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी ने जर्मन बेघर लोगों की स्थिति पहले से भी बदतर कर दी है। ZDF नेटवर्क प्लान बी नामक एक कार्यक्रम के तहतबेघरों की मदद के लिए जर्मन लोगों को समाधान सिखाने का प्रयास करता है। पिछले दो सालों में कई देशों में कोरोना महामारी ने गरीबी बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में घोषणा की थी कि दुनिया भर में 500 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं क्योंकि बढ़ती स्वास्थ्य लागत के कारण कोरोना महामारी बढ़ गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार कोरोना महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है जिससे 1930 के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट पैदा हो गया है और लोगों के लिए चिकित्सा देखभाल के लिए भुगतान करना और भी मुश्किल हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडनम ने कहा कि सभी सरकारों को आर्थिक परिणामों की चिंता किए बिना लोगों को स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रदान करने के प्रयासों को तुरंत फिर से शुरू और तेज करना चाहिए।
दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां बेघर लोग ना हों। बात करते हैं जर्मनी की। यहां के एक शहर में बेघर लोगों के लिए जो पहल की गई है वो सराहनीय है। वो बेघर लोग जो रात को सड़कों पर सोते हैं उनके लिए पॉड्स इंस्टॉल किए गए हैं ताकि रातों में उन्हें सोने में दिक्कत ना हो। जर्मनी में तापमान काफी गिर जाता है। जिसकी कारण ऐसी कड़ाके की सर्दी पड़ती है कि क्या ही कहने। बेघर लोगों को जाहिर सी बात है इसमें दिक्कत होती ही होगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ‘Ulmer Nest’ ने 8 जनवरी को ये पॉड्स लगाए। ये म्यूनिख से 120 किलोमीटर दूर लगाए गए हैं।