ग़ाज़ा: हमास ने इज़रायली हमले में वरिष्ठ कमांडर की मौत की पुष्टि की
हमास ने रविवार, 14 दिसंबर को ग़ाज़ा में इज़रायली हमले में अपने वरिष्ठ कमांडर रायद साद की मौत की पुष्टि की। अक्टूबर में युद्ध-विराम के बाद यह हमास के किसी बड़े नेता की पहली बड़ी शहादत मानी जा रही है। शनिवार को इज़रायली सेना ने पुष्टि की थी कि, उसने ग़ाज़ा शहर के पास किए गए एक हमले में साद को मार गिराया। इस नवीनतम हमले में कम से कम 25 लोग घायल हुए।
अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को एक वीडियो बयान में साद की मौत की पुष्टि करते हुए हमास के ग़ाज़ा प्रमुख खलील अल-हय्या ने इज़रायल पर अक्टूबर में हुए युद्ध-विराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
खलील अल-हय्या ने आगे कहा कि इज़रायल द्वारा लगातार किए जा रहे उल्लंघनों के मद्देनज़र, जिनमें कल हमास के एक कमांडर की हत्या भी शामिल है, हम मध्यस्थों से और विशेष रूप से अमेरिकी प्रशासन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से, जो इस समझौते के प्रमुख गारंटर हैं, यह मांग करते हैं कि वे इज़रायल को युद्ध-विराम समझौते का सम्मान करने और उसे लागू करने के लिए बाध्य करें।
ग़ाज़ा के अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर में युद्ध-विराम लागू होने के बाद से इज़रायल ने ग़ाज़ा पर रोज़ाना हमले जारी रखे हैं, जिनकी संख्या लगभग 800 तक पहुंच चुकी है, और इनमें कम से कम 386 लोग मारे गए हैं। यह समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।
एक अन्य घटनाक्रम में, अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषक टकर कार्लसन ने इज़रायल पर फ़िलिस्तीन में बच्चों की हत्या का आरोप लगाया। यह आरोप उन्होंने क़तर में रह रहे ग़ाज़ा के 2,000 शरणार्थियों में से कुछ से मुलाकात के बाद लगाया। इसे अब तक ग़ाज़ा पर इज़रायल की जंग की उनकी सबसे कड़ी आलोचना माना जा रहा है।
कार्लसन ने ये टिप्पणियां गुरुवार को अपने कार्यक्रम “टकर कार्लसन शो” में कीं, जब वे दोहा में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों से मिले। इनमें से अधिकतर अनाथ बच्चे थे और कई गंभीर रूप से घायल थे। उन्होंने पीड़ितों की तस्वीरें और वीडियो बनाने को बेहद कष्टदायक बताया। उन्होंने कहा कि हम लोगों के चेहरों के बहुत पास बड़ा कैमरा नहीं लगाना चाहते थे, इसलिए हमने आईफ़ोन से शूटिंग की।
फ़ॉक्स न्यूज़ के पूर्व प्रस्तुतकर्ता ने कहा कि, जो कुछ उन्होंने देखा, उसके बाद उन्हें और उनकी टीम को अपने आंसू रोकने पड़े। उन्होंने इसे “दुष्ट इज़रायली सरकार का अत्याचार” बताया। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के शरीर के अंग नष्ट हो चुके हैं और जिनके चेहरे बिगड़ चुके हैं, असली अपराध यह है कि इस अत्याचार का समर्थन करने वाले लोग इसे सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

