ग़ाज़ा युद्धविराम: सोमवार से इज़रायल और हमास के बीच क़ैदियों के आदान-प्रदान की उम्मीद
हमास के वरिष्ठ नेता मूसा अबू मरज़ूक ने एक टेलीविज़न इंटरव्यू में कहा कि युद्ध-विराम समझौते के पहले चरण के तहत क़ैदियों का आदान-प्रदान सोमवार से शुरू हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमास इस प्रक्रिया को सैन्य जीत या सार्वजनिक उत्सव के रूप में नहीं बल्कि मानवीय पहल के रूप में अंजाम देना चाहता है।
ग़ौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की निगरानी में तैयार ग़ाज़ा युद्ध-विराम योजना का पहला चरण शुक्रवार दोपहर 12 बजे से लागू हुआ। इस योजना के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच क़ैदियों की रिहाई और युद्ध-बंदियों की जानकारी के आदान-प्रदान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इज़रायली सार्वजनिक प्रसारक KAN द्वारा प्रकाशित दस्तावेज़ के अनुसार, हमास 72 घंटों के भीतर जीवित इज़रायली बंदियों को रिहा करेगा, जबकि मारे गए क़ैदियों से संबंधित जानकारी एक संयुक्त तंत्र के ज़रिए साझा की जाएगी। यह तंत्र तुर्की, क़तर, मिस्र और अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस (ICRC) की निगरानी में काम करेगा।
मानवाधिकार रिपोर्टों और मीडिया स्रोतों के मुताबिक, ग़ाज़ा में लगभग 48 बंधक हैं जिनमें से 20 जीवित हैं, जबकि 11,100 से अधिक फ़िलिस्तीनी इज़रायली जेलों में बंद हैं और तशद्दद, भूख और चिकित्सकीय लापरवाही का सामना कर रहे हैं।
इज़रायल की वापसी और क़ब्ज़े की स्थिति
अबू मरज़ूक ने बताया कि इज़रायली सेना “येलो लाइन” तक पीछे हट चुकी है, लेकिन ग़ाज़ा के लगभग 53% इलाक़े पर उसका क़ब्ज़ा अब भी कायम है। उनके अनुसार, इज़रायल द्वारा तय की गई वापसी की सीमाएँ “ग़लत और मनमानी” हैं और हमास भविष्य में इन इलाक़ों में किसी भी तरह की इज़रायली मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने युद्धविराम की निगरानी के लिए सैन्य अधिकारी तैनात किए हैं, जो ग़ज़ा के अंदर नहीं बल्कि इज़राइल की सीमा में रहेंगे। अबू मरज़ूक ने आगे बताया कि अगले चरण में “राष्ट्रीय योजना” पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में शांति सैनिकों की तैनाती पर भी बातचीत जारी है।
फ़िलिस्तीनी एकता की अपील
अबू मरज़ूक ने फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी से अपील की कि वह एक व्यापक राष्ट्रीय बैठक बुलाए ताकि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि एकता ही फ़िलिस्तीन संकट से निकलने का एकमात्र रास्ता है।
उनके अनुसार, हमास ने फ़िलिस्तीनी जनता के सर्वोच्च हितों की रक्षा के लिए ट्रंप की युद्ध-विराम योजना को स्वीकार किया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हमास फ़िलिस्तीनी जनता की तक़दीर का फैसला अकेले नहीं करेगा — यह एक सामूहिक और राष्ट्रीय निर्णय होगा, जिसके लिए पूरी सहमति ज़रूरी है।”

