इज़रायली हमलों के बावजूद ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम जारी: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दावा किया कि, इज़रायल के लगातार हमलों के बावजूद ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम अभी भी लागू है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन चाहता है कि इज़रायल और हमास के बीच शांति बनी रहे और हालात और न बिगड़ें। ट्रंप ने यह बयान पत्रकारों से बातचीत के दौरान तब दिया जब उनसे इज़रायल की ताज़ा बमबारी को लेकर सवाल पूछा गया।
ट्रंप ने कहा, “हमें देखना होगा कि वहां क्या हो रहा है। हम चाहते हैं कि हमास के साथ सभी हालात शांतिपूर्ण रहें।” उन्होंने स्वीकार किया कि इज़रायल ने हाल के दिनों में काफी आक्रामक रुख़ अपनाया है। ट्रंप के अनुसार, “वे फायरिंग कर रहे हैं, लेकिन हमें लगता है कि यह सब नेतृत्व के स्तर से नहीं हो रहा, बल्कि कुछ बागी तत्व इसमें शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि इस मामले को “सख़्ती से लेकिन उचित तरीके से” संभाला जाएगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या संघर्ष-विराम अब भी प्रभावी है, तो उन्होंने जवाब दिया, “हां, संघर्ष-विराम जारी है।”
हालांकि ज़मीनी हकीकत इससे अलग नज़र आती है। ग़ाज़ा प्रशासन के अनुसार, 10 अक्टूबर को संघर्ष-विराम लागू होने के बाद से इज़रायली हमलों में कम से कम 97 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 230 से अधिक घायल हुए हैं। ग़ाज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि इज़रायली सेना ने संघर्ष-विराम की घोषणा के बाद भी अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हुए 80 से ज़्यादा बार हमले किए हैं।
इस बीच, दक्षिण कोरिया में ग़ाज़ा के समर्थन में हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीर पर जूते फेंककर अपना गुस्सा जाहिर किया।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़रायल पर युद्ध-विराम का पालन करने का दबाव बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने भी इज़रायल से कहा है कि वह ग़ाज़ा में नागरिकों पर हो रहे हमलों को तुरंत रोके और संघर्ष-विराम का सम्मान करे। इसके बावजूद, ग़ाज़ा में हिंसा और विनाश की घटनाएं जारी हैं, जो यह संकेत देती हैं कि “संघर्ष-विराम” केवल कागज़ पर बाकी है।

