ग़ाज़ा जाने वाला फ्रीडम फ़्लोटिला जहाज़ ‘हनज़ला’ अपनी मंज़िल के क़रीब
फ्रीडम फ़्लोटिला का ‘हनज़ला’ नामक जहाज़ ग़ाज़ा के लोगों के लिए भोजन और दवाइयों जैसी मानवीय मदद लेकर अपनी मंज़िल की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। यह जहाज़ एजियन सागर पार करके अब भूमध्य सागर (बहरीया अबीज़) के जलक्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। उम्मीद है कि यह जहाज़ 27 या 28 जुलाई तक ग़ाज़ा पहुँच जाएगा। यह मिशन फ़िलिस्तीनी जनता पर थोपे गए इज़रायली अवैध नाकेबंदी को चुनौती देने की एक बहादुर कोशिश है, जो सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों की ओर से उठाया गया एक ठोस कदम है।
इससे पहले 20 जुलाई को फ्रीडम फ़्लोटिला डॉट ऑर्ग पर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि ‘हनज़ला’ ग़ाज़ा पहुँचने के अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। यह जहाज़ गैलीपोली प्रायद्वीप से आगे बढ़ चुका है।
गौरतलब है कि ग़ाज़ा के लिए फ्रीडम फ़्लोटिला कोएलिशन (FFC) का यह नागरिक सहायता जहाज़ ‘हनज़ला’ 14 जुलाई को इटली के शहर सिराकूज़ा से रवाना हुआ था। यह मिशन एफएफसी की एक और नाव ‘मैडेलिन’ पर इज़रायली के कुछ ही हफ्तों बाद शुरू किया गया है। उस समय इज़रायल ने ‘मैडेलिन’ को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में हिंसक तरीके से अपने कब्जे में ले लिया था।
इस पर सवार यूरोपीय संसद के एक सदस्य, एक डॉक्टर, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत 12 निहत्थे नागरिकों को इज़रायली कमांडोज़ ने अगवा कर लिया था और उनकी इच्छा के विरुद्ध इज़रायल ले जाकर पूछताछ और दुर्व्यवहार किया, और फिर उन्हें निर्वासित कर दिया गया। उनका “अपराध” सिर्फ इतना था कि वे नाकेबंदी झेल रहे फ़िलिस्तीनियों तक भोजन, दवाइयाँ और एकजुटता पहुँचाने की कोशिश कर रहे थे।
जहाज़ का नाम ‘हनज़ला’ क्यों है?
इस सहायता जहाज़ को प्रसिद्ध फ़िलिस्तीनी कार्टून पात्र ‘हनज़ला’ का नाम दिया गया है। हनज़ला एक नंगे पाँव का प्रवासी बच्चा है जो अन्याय को स्वीकार करने से इनकार करता है और क़सम खाता है कि जब तक फ़िलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता, वह पीछे नहीं हटेगा। यह जहाज़ ग़ाज़ा के उन बच्चों की आत्मा का प्रतीक है, जिन्होंने पूरी ज़िंदगी युद्ध, नाकेबंदी और हिंसा के बीच गुज़ारी है।
इस पर कितने लोग सवार हैं?
‘हनज़ला’ पर कुल लगभग 21 लोग सवार हैं, जिनमें 19 स्वयंसेवक और 2 पत्रकार शामिल हैं। ये सभी लोग विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े आम नागरिक हैं और किसी भी सरकार का हिस्सा नहीं हैं। अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, नॉर्वे, मोरक्को, ट्यूनीशिया और ब्रिटेन से संबंध रखने वाले इन सामाजिक कार्यकर्ताओं में शामिल हैं:
आंगे शोकत, अंतोनियो लापिसिएरेला, अंतोनियो माज़ीओ, बब सोबरी, ब्रेडन पेलुसो, क्लो फिनो लोडेन, क्रिस्टीन स्माल, एम्मा फुरियो, डॉक्टर फ्रैंक रोमानो, गैब्रिएल कीथला, हातिम औनी, होवैदा आराफ, जैकब बर्गर, जस्टिन केम्प, मोहम्मद अल-बकाली, रॉबर्ट मार्टिन, सेंटियागो गोंज़ालेज़ वेलेजो, सर्जियो टॉरेबियो, टीन सफी, विग्डिस जोरवांड। वअद अल-मूसा।
जान लें कि एफएफसी (फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन) 2010 में स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी समूह है जो ग़ाज़ा की नाकेबंदी को चुनौती देने के लिए समय-समय पर सहायता अभियान चलाता रहा है।

