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ग़ाज़ा अधिकारियों ने हमास पर अमेरिकी आरोप को पूरी तरह से झूठा क़रार दिया

ग़ाज़ा अधिकारियों ने हमास पर अमेरिकी आरोप को पूरी तरह से झूठा क़रार दिया

ग़ाज़ा में सरकारी मीडिया कार्यालय ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के उस आरोप को “पूरी तरह से झूठा” क़रार दिया है, जिसमें कहा गया था कि, हमास ने एक मानवीय सहायता ट्रक को लूट लिया है। ग़ाज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय के निदेशक इस्माइल अल-थोबता ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, “हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह आरोप पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है, और यह एक जानबूझकर मीडिया डीसइन्फॉर्मेशन अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीनी पुलिस बलों को बदनाम करना है, जो सहायता को सुरक्षित रखने और राहत काफिलों की रक्षा करने का अपना राष्ट्रीय और मानवीय कर्तव्य निभा रहे हैं।”

बयान में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने पुष्टि की है कि पुलिस बल किसी भी चोरी में शामिल नहीं हैं और वास्तव में लूटपाट को रोकने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। बयान में यह भी कहा गया, “अमेरिकी सेंट्रल कमांड का यह आरोप खुद बुनियादी विरोधाभासों से भरा हुआ है, जो इसके झूठे होने का प्रमाण है। कमांड ने दावा किया कि, उसने हमास के संदिग्ध सदस्यों को देखा, फिर बिना किसी ठोस प्रमाण के आरोप को एक साबित तथ्य के रूप में पेश किया है।”

यह आरोप एक वीडियो के साथ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म “एक्स” पर पोस्ट किया गया था, जिसमें घटना की तारीख, समय और स्थान की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। अल-थोबता ने वीडियो को “जनता को गुमराह करने वाली जानकारी पहुँचाने की जानबूझकर कोशिश” करार दिया। बयान में आगे कहा गया कि, यह आरोप कि सुरक्षा अधिकारियों ने एक एंबुलेंस और ट्रक चोरी किया, पूरी तरह से एक झूठ है और इसका कोई रिकॉर्ड या सबूत नहीं है जो इसे समर्थन प्रदान करता हो। हालांकि, इस तथाकथित वीडियो में ऐसा कोई दृश्य नहीं दिखाया गया जो इस दावे को साबित कर सके, यह इस बात का सबूत है कि यह आरोप एक मनगढ़ंत कहानी पर आधारित है।

बयान में सेंटकॉम के इस दावे की भी निंदा की गई कि “ग़ाज़ा में लगभग 40 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का काम हो रहा है,” जबकि असल संख्या 22 से अधिक नहीं है, जिनमें से अधिकांश इज़रायल की रुकावटों और पाबंदियों का शिकार हैं। बयान में 1 अक्टूबर से लागू युद्ध-विराम समझौते के बाद इज़रायल की रोज़ाना की जाने वाली अपराधों और आक्रमणों पर सेंटकॉम की चुप्पी की ओर भी इशारा किया गया। बयान में यह जोर देकर कहा गया, “अमेरिकी सेंटकॉम का इन इज़रायली अपराधों पर चुप रहना, जबकि वह फिलिस्तीनी पुलिस बलों के खिलाफ झूठे आरोपों को फैलाने में व्यस्त है, इज़रायल के पक्ष में उसकी पूरी पक्षधरता को दर्शाता है।”

इस बीच, बयान में युद्ध-विराम के मध्यस्थ और गारंटर देशों से अनुरोध किया गया कि वे इन धोखाधड़ी पर आधारित घृणित कृत्यों को समाप्त करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करें, और इज़रायल को युद्ध-विराम समझौते की शर्तों का सम्मान करने और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से लागू करने के लिए मजबूर करें।

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