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ग़ाज़ा में घात लगाकर किए गए हमलों में चार इज़रायली सैनिकों की मौत, तीन घायल

ग़ाज़ा में घात लगाकर किए गए हमलों में चार इज़रायली सैनिकों की मौत, तीन घायल

ग़ाज़ा पट्टी में जारी ज़मीनी अभियान के बीच इज़रायली सेना को एक बार फिर गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है। हिब्रू मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह शहर में प्रतिरोध बलों ने घात लगाकर इज़रायली सैनिकों पर हमला किया, जिसमें कम से कम चार सैनिक मारे गए और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना को ज़ायोनी मीडिया ने “गंभीर सुरक्षा हादसा” क़रार दिया है।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमला उस समय हुआ जब इज़रायली सैन्य दल क्षेत्र में ऑपरेशन चला रहा था। अचानक प्रतिरोध बलों ने घेराबंदी कर सैनिकों को निशाना बनाया। हमले के बाद इज़रायली सेना ने पूर्वी रफ़ाह इलाके में भारी गोलीबारी शुरू कर दी, ताकि घायल और मृत सैनिकों को बाहर निकाला जा सके। ज़मीनी बलों को निकालने के लिए मशीनरी और बख़्तरबंद गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जबकि बचाव कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर भी उतारे गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के बाद इज़रायली सेना में हड़कंप मच गया है और मीडिया में इसे “ख़तरनाक और जटिल” करार दिया जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि, यह हमला ग़ाज़ा में ज़मीनी अभियान के ख़तरों को साफ़ तौर पर दिखाता है। प्रतिरोध बल लगातार सुरंगों और घनी बस्ती वाले इलाकों में घात लगाकर इज़रायली सैनिकों पर हमले कर रहे हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही इज़रायली सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ, एयाल ज़मीर ने चेतावनी दी थी कि, ग़ाज़ा में ज़मीनी अभियान जारी रखने से सैनिकों की और अधिक मौतें हो सकती हैं। उनका कहना था कि ग़ाज़ा की जटिल परिस्थितियाँ और प्रतिरोध बलों की रणनीतियाँ इज़रायली सेना के लिए गंभीर चुनौतियाँ पेश कर रही हैं।

यह घटना ऐसे समय हुई है जब इज़रायल रफ़ाह और ग़ाज़ा के अन्य दक्षिणी इलाकों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन लगातार हो रहे हमले यह संकेत देते हैं कि ग़ाज़ा में ज़मीनी अभियान इज़रायल के लिए बेहद कठिन और महंगा साबित हो रहा है। वह बमबारी करके आम नागरिकों शहीद और उनके घरों को ज़रूर ध्वस्त कर रही है, लेकिन प्रतिरोध बलों से उसे गंभीर चुनौती मिल रही है।

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