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सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान को सता रहा है बग़ावत का डर

सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान को सता रहा है बग़ावत का डर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विरुद्ध बग़ावत के आसार दिखाई दे रहे हैं।

सऊदी अरब में मोहम्मद बिन सलमान को लेकर अनेक मामलों में ग़ुस्सा साफ़ दिखाई दे रहा है। सऊदी अरब के धर्मगुरु देश के शासक बिन सलमान से नाराज़ चल रहे हैं साथ ही प्रिंस के परिवार में आपसी कलह भी साफ़ दिख रही है।

बात यह है कि बिन सलमान सऊदी अरब को आधुनिक बनाने की आड़ में लगातर तानाशाही कर रहे हैं। वह हर फ़ैसला बिना किसी मशविरे के लेते हैं और उनकी मंशा यह है कि वह देश के धर्मगुरुओं को राजनीति से बिल्कुल किनारे रखना चाहते हैं। धर्मगुरुओं को राजनीति से किनारे रखने का कारण भी साफ़ है क्योंकि जितने भी तानाशाह हैं उनके सामने 1979 की ईरान की धर्मगुरुओं के नेतृत्व में लाई गई क्रांति मौजूद है।

ईरान में 1979 में आयतुल्लाह ख़ुमैनी के नेतृत्व में इस्लामिक क्रांति हुई थी, जिसके बाद वहां का तानाशाही सिस्टम ख़त्म हो गया था जिसके बाद से किसी भी देश के तानाशाह को धर्मगुरुओं को राजनीति में आगे रखने से डर लगता है।

पूरे विश्व में कोविड के फिर से बढ़ रहे मामलों के चलते सतर्कता बढ़ी हुई है। मक्का और मदीना में कोविड की वजह से 2 मीटर के फ़ासले का क़ानून है लेकिन बीते महीने बिन सलमान ने एक डांस फ़ेस्टिवल का आयोजन किया था जिसमें देश के सात लाख लड़के और लड़कियों को भाग लेने का आग्रह किया था।

बिन सलमान का ख़ुद का परिवार इसलिए नाराज़ है क्योंकि तानाशाह बिन सलमान ने अपने ही परिवार के अधिकतर लोगों को जेल में डाल रखा है जिनमें दो पूर्व युवराज भी शामिल हैं।

सऊदी धर्मगुरुओं की नाराज़गी का कारण यह है कि इससे पहले नमाज़ के समय कारोबार और दूसरी चीज़ों पर रोक लगती थी लेकिन अब नमाज़ के समय लोग नमाज़ को छोड़कर बाक़ी सारे कामों में लगे रहते हैं। इसके अलावा और भी बहुत सी धार्मिक चीज़ों के साथ बिन सलमान लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं।

कुछ लोगों को सऊदी अरब की अमेरिका के साथ नज़दीकी भी पसंद नहीं, लेकिन तानाशाह बिन सलमान का कहना है कि जब तक ईरान है तब तक उसे अमेरिका का समर्थन हर हाल में चाहिए।

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