सीरिया की घटनाएं केवल इसी देश तक सीमित नहीं रहेंगी: अब्बास अराक़ची
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने इराकी टेलीविज़न चैनल अल-शर्किया को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि “सीरिया में हालिया घटनाक्रम बहुत तेज़ी से हो रहे हैं, और यह तेज़ी कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है।” उन्होंने इन घटनाओं को मात्र संयोग नहीं बताया, बल्कि कहा कि “इनके पीछे अमेरिका और इज़रायली शासन की सोची-समझी रणनीति है।”
प्रतिरोध के महत्व पर जोर
अराक़ची ने कहा कि “प्रतिरोध की ताक़त यह है कि यह कभी भी एक ही तरीके पर निर्भर नहीं रहा। वर्षों से, प्रतिरोध ने अपनी रणनीतियों और विकल्पों को बदलकर नए तरीकों को अपनाया है। यही कारण है कि यह अब भी मजबूती से खड़ा है और आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।”
सीरिया और इराक़ के लिए खतरे की घंटी
विदेश मंत्री ने सीरिया में बढ़ते आतंकवाद और वहां की स्थिति को न केवल सीरिया, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, “सीरिया में जो कुछ हो रहा है, उसके प्रभाव इराक़ पर भी पड़ सकते हैं। इराक़ को न केवल इस खतरे से अवगत होना होगा, बल्कि आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस कदम भी उठाने होंगे।” हालांकि, अराक़ची ने इस बात पर जोर दिया कि “इराक़ की सरकार स्वतंत्र है और वह अपनी संप्रभुता बनाए रखते हुए खुद निर्णय लेगी कि आतंकवाद से कैसे निपटना है। कोई बाहरी ताकत इस पर अपनी शर्तें नहीं थोप सकती।”
सीरियाई राष्ट्रपति बशार अल-असद के भविष्य पर पूछे गए सवाल पर अराक़ची ने कहा, “यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि उनका शासन कब तक चलेगा या वह गिरेंगे।” उन्होंने कहा, “हम भविष्यवक्ता नहीं हैं, लेकिन यह निश्चित है कि प्रतिरोध अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से निभाएगा।”
अराक़ची ने 2011 का उल्लेख करते हुए कहा, “कुछ लोगों को विश्वास था कि 2011 में बशार अल-असद का पतन हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब 14 साल बीत चुके हैं, और यह दिखाता है कि प्रतिरोध ने उस समय और उसके बाद भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।”
क्षेत्रीय स्थिरता की चेतावनी
अराक़ची ने इस साक्षात्कार के माध्यम से सीरिया और इराक के नेताओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि पश्चिमी ताक़तों और इज़रायली शासन की योजनाएं क्षेत्र को अस्थिर करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, “इन योजनाओं का मकसद केवल एक देश को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर करना है।”
उन्होंने प्रतिरोध को क्षेत्रीय स्थिरता का मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि “प्रतिरोध ने हमेशा खुद को नए सिरे से संगठित किया है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।” अराक़ची ने ईरान की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि “ईरान प्रतिरोध के हर कदम का समर्थन करेगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सीरिया और इराक़ के साथ खड़ा रहेगा। यह लड़ाई केवल एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए महत्वपूर्ण है।”


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