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इस्राईल द्वारा आईसीसी के अधिकारो को मान्यता न देना अप्रत्यक्ष रूप से अपराधों को बढ़ावा देना है

यूरो-मेडिटेरेनियन मानवाधिकार मॉनिटर (The Euro-Mediterranean Human Rights Monitor) ने सन् 1967 के के बाद से इस्राईल (ISRAEL) के कब्जे वाले क्षेत्रों में युद्ध अपराधों की जांच करने के सिलसिले में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के साथ सहयोग करने से इनकार करने पर इस्राईल के फैसले की कड़ी निंदा की है।

फ़िलिस्तीन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रेस वार्ता में, यूरो-मेड मॉनिटर ने कहा कि इस्राईल के इस फैसले से ये साफ पता चलता है कि उसकी सेना ने उल्लंघन किए थे जो मानवता के खिलाफ थे और जिनसे अपराध और युद्ध हो सकते हैं।

इस्राईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कल कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के पास इस मामले के खिलाफ जांच शुरू करने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए, उनकी सरकार आईसीसी के साथ सहयोग नहीं करेगी।

गौरतलब है कि आई सी सी के अधिकारो को मान्यता न दिए जाने के इस्राईल के फैसले को रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़, विदेश मंत्री गैबी अशकेनाज़ी, और प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अप्रूवल दिया गया था।

अपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने 13 मार्च 2014 से कब्ज़ा किए हुए फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में कथित अपराधों की आधिकारिक जाँच शुरू करने के लिए 3 मार्च 2021 को एक निर्णय जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि युद्ध अपराधों का संदेह इस्राईल पर है।

इस सिलसिले में यूरो-मेड मॉनिटर ने यूरोपीय संघ से आईसीसी की जांच का समर्थन करने वाले वकीलों, गवाहों, जांच में शामिल नागरिक, समाजिक कार्यकर्ताओं और जानकारी इकट्ठा करने वालों की सुरक्षा करने का आग्रह किया है।

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