फिलस्तीनी राज्य की स्थापना, फिलस्तीनी जनता का मूल अधिकार है: सऊदी
सऊदी अरब के विदेश मंत्री, फैसल बिन फरहान, ने सोमवार को क़ाहिरा में आयोजित एक महत्वपूर्ण मानवीय सहायता सम्मेलन के दौरान ग़ाज़ा में हो रहे मानवीय संकट पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि फिलस्तीन में वर्तमान में जो संकट उत्पन्न हो चुका है, वह अब इस हद तक बढ़ चुका है कि इसे अब और सहन नहीं किया जा सकता है। यह बयान उन्होंने ऐसे समय में दिया जब ग़ाज़ा में भारी संख्या में लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं।
फैसल बिन फरहान ने ग़ाज़ा में तत्काल युद्ध-विराम की मांग करते हुए कहा कि इज़रायल द्वारा ग़ाज़ा में की जा रही सैन्य कार्रवाई और हिंसा फिलस्तीनी नागरिकों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। उन्होंने कहा, “हम ग़ाज़ा में तत्काल युद्ध-विराम की आवश्यकता पर जोर देते हैं। इसके अलावा, पश्चिमी तट में इज़रायली बस्तियों का विस्तार और यरूशलम में इज़रायल द्वारा किए जा रहे गैरकानूनी कदम, युद्ध को और बढ़ा सकते हैं, जो पहले से ही पूरे क्षेत्र को संकट में डाल रहे हैं।”
विदेश मंत्री ने आगे इज़रायली शासन द्वारा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNRWA) को बंद करने के फैसले पर भी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि, “इज़रायली फैसले जो UNRWA को कमजोर करने के उद्देश्य से लिए गए हैं, वह फिलस्तीनी लोगों के लिए और अधिक पीड़ा और कष्ट का कारण बन सकते हैं। फिलस्तीनी शरणार्थियों की सहायता और उनके अधिकारों की रक्षा करने वाली यह एजेंसी फिलस्तीनियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता तंत्र है।”
फैसल बिन फरहान ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलस्तीन का स्वतंत्र और संप्रभु राज्य स्थापित करना फिलस्तीनी लोगों का मूल अधिकार है, और इस अधिकार को कोई भी ताकत छीन नहीं सकती। उन्होंने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने रखते हुए कहा कि फिलस्तीनी राज्य की स्थापना केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक मानवीय अधिकार है जिसे पूरा किया जाना चाहिए।
इस तरह सऊदी अरब ने अपनी स्पष्ट नीति और संकल्प को दोहराते हुए फिलस्तीन के पक्ष में अपने समर्थन को फिर से प्रदर्शित किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।