इज़रायल में विपक्ष की आपात बैठक, भावी कैबिनेट की रूपरेखा पर विचार
‘इज़रायल बेतैनू’ पार्टी के प्रमुख और इज़रायल के पूर्व विदेश मंत्री ने आज (बुधवार) विपक्षी नेता ‘येर लापिद’ को संदेश भेजकर विपक्षी दलों के प्रमुखों की एक आपात बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि भावी कैबिनेट की रूपरेखा तय की जा सके।
इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री ‘नफ्ताली बेनेट’ और पूर्व सेनाध्यक्ष ‘गादी आइज़ेनकोट’ की भी भागीदारी अपेक्षित है। लीबरमैन ने अपने संदेश में कहा कि यह ढाँचा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, संविधान निर्माण, सैन्य सेवा और धर्म-राज्य संबंध जैसे केंद्रीय मुद्दों पर व्यापक सहमति को प्रतिबिंबित करे और साथ ही इज़रायल के “यहूदी, ज़ायोनी, लोकतांत्रिक और उदार” मूल्यों की रक्षा करे।
इससे पहले येर लापिद ने ‘नेशनल यूनिटी’ पार्टी प्रमुख बेनी गान्ट्ज़ के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसमें ग़ाज़ा में बंधकों की रिहाई के लिए आपात कैबिनेट बनाने की बात कही गई थी। लापिद ने कहा कि, ऐसी सरकार से जुड़ने का कोई औचित्य नहीं है जिसमें कट्टरपंथी मंत्री जैसे ‘इतामार बैन गवीर’ (आंतरिक सुरक्षा मंत्री) और ‘बेज़ालेल स्मोट्रिच’ (वित्त मंत्री) मौजूद हों।
हाल ही में गान्ट्ज़ ने भी तर्क दिया था कि, एक ऐसी कैबिनेट बने जिसमें तंगदिल मंत्री न हों और जिसमें नेतन्याहू, लापिद और लीबरमैन मिलकर युद्ध को समाप्त करने और बंधकों की अदला-बदली के लिए काम कर सकें।
लापिद ने सुझाव दिया था कि, हमास से युद्ध-विराम और कैदी अदला-बदली समझौते को आगे बढ़ाने के लिए वह नेतन्याहू को समर्थन देने के लिए एक “सुरक्षित घेरे” का निर्माण कर सकते हैं, बशर्ते कि कट्टरपंथी मंत्री बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि एक ऐसा प्रस्ताव मौजूद है जिसे हमास ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन मौजूदा सरकार टालमटोल कर रही है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ़ कर दिया कि वह अपनी सत्तारूढ़ गठबंधन को भंग नहीं करेंगे।

