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इस्राईल में चुनाव कल, क्या फिर प्रधानमंत्री बनेंगे नेतन्याहू ?

Israeli Parliamentary Election: इस्राईल होने वाले मतदान अब तो 24घंटे से भी कम का समय बचा है देखना है कि क्या इस बार छोटे छोटे दलों को साथ लेकर नेतन्याहू प्रधानमंत्री बनेगे? क्योंकि किसी एक दल के बहुमत हासिल करने की उम्मीद बहुत कम है

बता दें कि 23 मार्च को इस्राईल में चुनाव होना है मतदान में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके विरोधियों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्‍मीद है।

संसदीय चुनाव में नेतन्‍याहू के अतिरिक्‍त याईर लपिड, गिडियन सार और नफ्ताली बेनेट सत्‍ता के प्रमुख दावेदार बताए जा रहे है। इस्राईल में चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं, जब कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए देश में लगे लॉकडाउन की एक बड़ी श्रृंखला ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था को काफी पीछे धकेल दिया है। इस्राईल में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। कोरोना वायरस से अब तक इस्राईल में 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

ग़ौर तलब है कि इस्राईल के राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि इस बार नेतन्याहू की लिकुड पार्टी महज 30 सीटों पर ही सिमट कर रह जाएगी, जो कि बहुमत से काफी कम है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए उन्हें फिर से छोटे-छोटे दलों का साथ लेना पड़ेगा। इस बार सरकार के गठन में छोटे दल अहम भूमिका निभा सकते हैं।

राजनीतिक विशलेषकों का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रसार के बीच नेतन्‍याहू के लिए यह मुकाबला काफी कठिन और द‍िलचस्‍प होने वाला है। आपको बता दें कि पिछले दो वर्षों में इस्राईल में चौथी बार संसदीय चुनाव हो रहे हैं। नेतन्‍याहू पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोप उनकी छवि को धूमिल करने का काम कर सकते हैं। इसके चलते लोगों के बीच उन्‍हें दोबारा सत्‍ता हासिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

नेतन्‍याहू अब तक पांच बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इस बार फ‍िर संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी जीत के दावे के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू कोरोना महामारी की सफलता और अरब देशों के साथ राजनयिक संबंधों को सुधारने के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं।

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