Site icon ISCPress

मिस्र ने फ़िलिस्तीनियों के लिए टेंट सिटी की इज़रायली योजना ख़ारिज की

मिस्र ने फ़िलिस्तीनियों के लिए टेंट सिटी की इज़रायली योजना ख़ारिज की

मिस्र ने दक्षिणी ग़ाज़ा में टेंट सिटी बसाने और फिलिस्तीनी इलाक़ों में किसी भी प्रकार के जनसांख्यिकीय बदलाव की इज़रायल की तमाम योजनाओं को एक बार फिर पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है। यह रुख बुधवार को मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्दुल आती और अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य-पूर्व मामलों के विशेष दूत स्टीव वेटकॉफ़ के बीच फोन पर हुई बातचीत में सामने आया।

बातचीत में ग़ाज़ा में युद्ध-विराम के लिए चल रही तेज़ राजनयिक कोशिशों और उस युद्ध-विराम को टिकाऊ बनाने पर भी चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने कैदियों की अदला-बदली के बदले युद्ध-विराम और मानवीय सहायता की निर्बाध और प्रभावी आपूर्ति की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, खासकर मौजूदा गंभीर मानवीय हालात को देखते हुए।

ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए मिस्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का प्रस्ताव
विदेश मंत्री अब्दुल आती ने ग़ाज़ा में युद्ध-विराम के बाद तत्काल पुनर्निर्माण और बहाली के लिए मिस्र में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा। यह सम्मेलन अरब और इस्लामी परियोजना के तहत इस प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से शुरू करने का माध्यम बनेगा।

सूत्रों के मुताबिक, ग़ाज़ा में युद्ध-विराम की कोशिशों के सिलसिले में क़ाहिरा, इन दिनों मिस्री, क़तरी और इज़रायली प्रतिनिधिमंडलों की मेज़बानी कर रहा है। इन वार्ताओं में मानवीय सहायता की आपूर्ति, मरीजों को निकालने और फंसे हुए लोगों की वापसी जैसे विषयों पर चर्चा हो रही है।

बताया जा रहा है कि इन वार्ताओं में कई मानवीय मुद्दों पर प्रगति और सहमति बनी है। यह बातचीत दो दिन तक चलेगी, और मिस्र उन सभी बाधाओं को दूर करने की कोशिश कर रहा है जो युद्ध-विराम तक पहुँचने में रुकावट बन रही हैं, ताकि ग़ाज़ा के लोगों तक पर्याप्त और समय पर मदद पहुंचाई जा सके।

परोक्ष वार्ताओं में बड़ी प्रगति
इस बीच, इज़रायली मीडिया ने बताया है कि, ग़ाज़ा को लेकर चल रही परोक्ष वार्ताओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और एक समझौते का रास्ता साफ़ होता नज़र आ रहा है। इज़रायल ने युद्ध-विराम की 60 दिनों की प्रस्तावित अवधि के दौरान ग़ाज़ा में अपनी सेना की तैनाती का ‘तीसरा खाका’ पेश किया है और मिस्र व ग़ाज़ा की सीमा के बीच मोराग और फिलाडेल्फिया मार्ग के पास अपनी सेना की तैनाती को लेकर अधिक लचीलापन दिखाया है।

Exit mobile version