मिस्र और सऊदी अरब ने सैन्य सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए
मिस्र और सऊदी अरब ने आपसी सैन्य सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता रियाद में आयोजित मिस्र-सऊदी अरब सहयोग समिति की ग्यारहवीं बैठक के समापन सत्र के दौरान हुआ। दोनों देशों ने इस अवसर पर रक्षा और सैन्य क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग को गहराई देने तथा क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
ईसना की रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता मिस्र और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम क़दम माना जा रहा है। दोनों देशों के रक्षा अधिकारियों ने विभिन्न सैन्य क्षेत्रों जैसे प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, रक्षा उद्योग और तकनीकी आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
स्पुतनिक के अनुसार, मिस्र की सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अहमद ख़लीफ़ा ने सऊदी अरब के साथ गहरे और ऐतिहासिक संबंधों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, रियाद और क़ाहिरा के बीच निरंतर समन्वय क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। खलीफा ने यह भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच सहयोग अरब विश्व की सामूहिक शक्ति को मजबूत करेगा।
सऊदी अरब के चीफ ऑफ स्टाफ़ जनरल फैयाज बिन हामिद अल-रुवैली ने भी इस सहयोग को “रणनीतिक और आवश्यक” बताया। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बीच मिस्र के साथ रक्षा संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब मध्य पूर्व क्षेत्र विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों और भू-राजनीतिक तनावों का सामना कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि मिस्र और सऊदी अरब के बीच यह साझेदारी न केवल दोनों देशों की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी बल्कि पूरे क्षेत्र में शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।

