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ग़ाज़ा में स्थायी संघर्ष विराम के प्रयास तेज़

ग़ाज़ा में स्थायी संघर्ष विराम के प्रयास तेज़

ग़ाज़ा में इज़रायल और हमास के बीच मानवीय संघर्ष-विराम को 30 नवंबर को बढ़ा दिया गया था, लेकिन इस युद्धविराम को स्थायी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इज़रायल को दोबारा ग़ाज़ा पर हमले नहीं करने चाहिए, मिस्र और क़तर दोनों इसके लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।

इस संबंध में अल जज़ीरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां मिस्र ने इज़रायली अधिकारियों और फिलिस्तीनी अधिकारियों के साथ चर्चा की है, वहीं क़तर में युद्ध-विराम के संबंध में वास्तविक प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि अमेरिकी और इज़रायली अधिकारियों ने क़तर के प्रधान मंत्री से मुलाकात की है। याद रहे कि क़तर की मध्यस्थता के कारण हमास ने बंधकों को रिहा कर दिया है और अब क़तर इज़रायल के किसी भी हमले को रोकने की कोशिश में लाहा हुआ है।

उधर, स्पेन में फिलिस्तीन-इज़रायल संघर्ष को लेकर अरब देशों और यूरोपीय संघ (ईयू) की बैठक में सहमति बनी। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य और बार्सिलोना में भूमध्यसागरीय देशों की बैठक में लगभग सभी प्रतिभागी फ़िलिस्तीन और इज़रायल के बीच समाधान की ज़रूरत पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण को अधिकतम वैधता हासिल करने और अपने कामकाज में सुधार के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहिए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़रायल ने हमास के साथ बंधक विनिमय समझौते के तहत फिलिस्तीनी कैदियों के चौथे समूह को रिहा कर दिया है, जिसमें 33 लोग शामिल हैं। इज़रायली सेना ने कहा कि हमास द्वारा छोड़े गए 11 इज़रायली बंधकों को उनके घर पहुंचा दिया गया है।

इस समझौते के तहत 150 फ़िलिस्तीनी कैदियों को इज़रायली जेलों से रिहा कर दिया गया। स्थायी युद्ध-विराम को लेकर मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शाकरी ने कहा कि ग़ाज़ा में युद्विराम के विस्तार को पूर्ण युद्धविराम में बदला जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्य पूर्व में जिस चीज की जरूरत है वह इज़रायलियों और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष के समाधान तक पहुंचने की नहीं है, बल्कि दो-राज्य समाधान को लागू करने की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस क्षेत्र में शांति की गारंटी दो-राज्य समाधान होगी।

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